केरल विधानसभा में आज फिर हंगामा, यूडीएफ ने किया वॉकआउट

राज्य मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ आज फिर केरल विधानसभा का सत्र हंगामेदार रहा। यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने वॉकआउट कर दिया। प्रश्नकाल के दौरान लेफ्ट के विधायकों ने राज्य मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से कुछ सवालों के जवाब मांगे थे।

By Monika MinalEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 12:23 PM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 12:23 PM (IST)
केरल विधानसभा में आज फिर हंगामा, यूडीएफ ने किया वॉकआउट
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने किया विधानसभा का बहिष्कार, वॉकआउट

तिरुअनंतपुरम, एएनआइ। केरल विधानसभा में आज जमकर हंगामा मचा। कांग्रेस नीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने केरल विधानसभा (Kerala Assembly) से मंगलवार को वॉकआउट कर दिया। दरअसल, आज प्रश्नकाल (Question Hour) के दौरान लेफ्ट के विधायकों (Left MLAs) ने राज्य मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) से यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायकों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों  और इसकी जांच से संबंधित सवाल पूछे। 

इसके पहले सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और राज्य के पूर्व मंत्री सी एफ थॉमस को श्रद्धांजलि देने के बाद केरल विधानसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।  इससे पहले भी पिछले सप्ताह राज्यपाल के संबोधन का बहिष्कार करते हुए यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने विरोध प्रदर्शन किया और राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के इस्तीफे की मांग की थी। विपक्षी पार्टी ने सत्ताधारी पार्टी यानि वाम सरकार से पद छोड़ने के लिए कहा।

इससे पहले पिछले सप्ताह शुक्रवार, 8 जनवरी को राज्य विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के अभिभाषण का बहिष्कार किया और डॉलर तस्करी मामले में आरोपों से घिरे विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन के इस्तीफे की मांग की। जैसे ही राज्यपाल अभिभाषण देने के लिए आए, तो पोस्टर और बैनर लेकर पहुंचे विपक्षी विधायकों ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन तथा खान के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए।

विपक्ष के हंगामे के बावजूद राज्यपाल ने निर्धारित समय पर अपने संबोधन की शुरुआत की और वाम सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में उसके प्रदर्शन तथा उपलब्धियों का जिक्र किया। नारेबाजी जारी रही जिसके लिए राज्यपाल ने विपक्षी सदस्यों से से तीन बार अनुरोध किया कि वे उन्हें उनके संवैधानिक कर्तव्य को पूरा करने का मौका दें। लेकिन नारेबाजी नहीं रुकी। इस पर राज्यपाल ने कहा, 'मैं अपना संवैधानिक कर्तव्य निभा रहा हूं। जब राज्यपाल अपना संवैधानिक कर्तव्य निभा रहे हों तो उम्मीद की जाती है कि इसमें कोई अवरोध खड़ा न हो। इस बीच विपक्षी नेता रमेश चेन्निथला खड़े हुए और उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की लेकिन राज्यपाल ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी। बाद में प्रदर्शनकारी विधायकों ने सदन से वाकआउट किया और बाहर धरने पर बैठ गए।

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