'स्‍मृत‍ि से वो शोहरत भी छिन गई...' क्‍या कांग्रेस की चाल में फंस गए PM Modi और बाकी चाणक्‍य? इस नेता ने किया दावा

Rahul Gandhi RaeBareli Nomination राहुल गांधी ने वायनाड के बाद रायबरेली से भी चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। कुछ देर में वे यहां से नामांकन भी भरने वाले हैं। 2019 में अमेठी से स्मृति‍ ईरानी से चुनाव हारने के बाद अब उन्‍होंने फिर कांग्रेस की परंपरागत सीट से चुनाव लड़ने का एलान किया है। कांग्रेस नेता ने इसे पार्टी की एक बड़ी चाल के रूप में बताया है।

By Prateek Jain Edited By: Prateek Jain Publish:Fri, 03 May 2024 01:09 PM (IST) Updated:Fri, 03 May 2024 01:09 PM (IST)
'स्‍मृत‍ि से वो शोहरत भी छिन गई...' क्‍या कांग्रेस की चाल में फंस गए PM Modi और बाकी चाणक्‍य? इस नेता ने किया दावा
केंद्रीय मंत्री स्मृत‍ि ईरानी (बाएं), राहुल गांधी (दाएं)। फाइल फोटो

HighLights

  • प्र‍ियंका गांधी वाड्रा तो कोई भी चुनाव लड़कर जीत जाएंगी: जयराम रमेश
  • जयराम रमेश बोले- रायबरेली सिर्फ़ सीट विरासत नहीं ज़िम्मेदारी और कर्तव्य है

डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। राहुल गांधी ने वायनाड के बाद रायबरेली से भी चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। वहीं कुछ देर में वे यहां से नामांकन भी भरने वाले हैं।

इस बीच भाजपा समेत अन्‍य विरोधी दलों से आ रही टिप्‍पणि‍याें के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राहुल के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर लंबा पोस्‍ट लिखते हुए राजनीति‍ और शतरंज का जिक्र करते हुए बड़ी चाल चलने की बात कही है। 

इधर, पीएम मोदी ने राहुल के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर टिप्‍पणी की कि वे पहले ही जानते थे कि राहुल अमेठी से चुनाव नहीं लड़ने वाले।   

अपने एक्‍स पोस्‍ट में कांग्रेस नेता ने भाजपा के शीर्ष नेताओं को राहुल के सीट बदलने का जवाब दिया है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने लिखा,

राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय हैं, लेकिन वह राजनीति और शतरंज के  मंजे हुए खिलाड़ी हैं। और सोच समझ कर दांव चलते हैं। ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार विमर्श करके बड़ी रणनीति के तहत लिया है। इस निर्णय से BJP, उनके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गये हैं। बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो ‘परंपरागत सीट’ की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें?

कांग्रेस नेता ने PM मोदी को घेरा; कहा,

रायबरेली सिर्फ़ सोनिया जी की नहीं, खुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है। यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है। 

रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तरप्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गये, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाये?

'आम कांग्रेस कार्यकर्ता अमेठी में BJP का भ्रम-दंभ तोड़ेगा'

एक बात और साफ़ है कि कांग्रेस परिवार लाखों कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं उनकी आकांक्षाओं का परिवार है। कांग्रेस का एक साधारण कार्यकर्ता ही बड़े बड़ों पर भारी है। कल एक मूर्धन्य पत्रकार अमेठी के किसी कार्यकर्ता से व्यंग में कह रही थी कि “आप लोगों का नंबर कब आएगा टिकट मिलने का”? लीजिए, आ गया! कांग्रेस का एक आम कार्यकर्ता अमेठी में BJP का भ्रम और दंभ दोनों तोड़ेगा।

प्रियंका जी धुआंधार प्रचार कर रही हैं और अकेली नरेंद्र मोदी के हर झूठ का जवाब सच से देकर उनकी बोलती बंद कर रही हैं। इसीलिए यह ज़रूरी था कि उन्हें सिर्फ़ अपने चुनाव क्षेत्र तक सीमित ना रखा जाए। प्रियंका जी तो कोई भी उपचुनाव लड़कर सदन पहुँच जायेंगी।

स्मृति ईरानी की पहचान पर बोला हमला

आज स्मृति ईरानी की सिर्फ़ यही पहचान है कि वो राहुल गांधी के ख़िलाफ़ अमेठी से चुनाव लड़ती हैं। अब स्मृति ईरानी से वो शोहरत भी छिन गई।

अब बजाय व्यर्थ की बयानबाज़ी के, स्मृति ईरानी स्थानीय विकास के बारे में जवाब दें, जो बंद किए अस्पताल, स्टील प्लांट और IIIT हैं - उसपर जवाब देना होगा। शतरंज की कुछ चालें बाक़ी हैं, थोड़ा इंतज़ार कीजिए।

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