जीडीपी को लेकर कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला, कहा- आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी

चिदंबरम ने कहा कि ताजा आंकड़ों से साफ साबित होता है कि आर्थिक वृद्धि के लिए सबसे बेहतरीन दौर संप्रग सरकार के (2004-14) था।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 19 Aug 2018 07:35 PM (IST) Updated:Mon, 20 Aug 2018 12:02 AM (IST)
जीडीपी को लेकर कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला, कहा- आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी
जीडीपी को लेकर कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला, कहा- आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीडीपी के नए आंकड़ों को इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार पर नया हमला बोला है। कांग्रेस की ओर से पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने देश की अर्थव्यवस्था को 'गलत हाथों' में होने का आरोप लगाते हुए कहा कि विकास दर के मामले में देश यूपीए सरकार की तुलना में पीछे जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंकड़े खुद गवाह हैं कि यूपीए-एक और यूपीए-दो के दौरान जहां विकास दर औसतन 8.36 और 7.68 फीसदी थी, जो मोदी सरकार के दौरान कम होकर औसतन 7.33 फीसदी रह गई है।

मनमोहन सरकार के दौरान जीडीपी विकास दर सबसे अधिक होने का किया दावा

जीडीपी के संबंध में आई एक रिपोर्ट के आंकड़ों को पेश करते हुए पी चिंदबरम ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था और प्रबंधन 'सही' हाथों में नहीं है। वहीं मनमोहन सिंह के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था और प्रबंधन दोनों ही सही हाथों में था। अर्थव्यवस्था के विकास में आई शिथिलता के लिए चिदंबरम ने मोदी सरकार में नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा जीएसटी के गलत तरीके से लागू किये जाने को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा कि लोग 'कर आतंकवाद' का सामना कर रहे हैं। उनके अनुसार जीएसटी की खामियों के कारण एक व्यक्ति को महीने में तीन-तीन और साल में 37 आयकर विवरणी भरनी पड़ रही है। यही नहीं, उनके अनुसार सरकार की गलत नीतियों के कारण देश में निवेश दर काफी नीचे चली गई है और इस दर तेज गति से विकास संभव ही नहीं है।

उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के दौरान निवेश की दर 34.3 फीसदी थी, जो कम होकर अब 28.5 फीसदी रह गई है। इस निवेश दर पर विकास की रफ्तार सात फीसदी से ज्यादा नहीं जा सकती है।

चिदंबरम ने कहा कि ताजा आंकड़ों से साफ साबित होता है कि आर्थिक वृद्धि के लिए सबसे बेहतरीन दौर संप्रग सरकार के (2004-14) था। एक सवाल के जवाब में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि देश में तीन वित्त मंत्री हैं- डिफैक्टो (वास्तविक), डिजुरे (कानूनी) एवं इनविजिबल (दृश्य)। यहां तक वाजपेयी सरकार के दौरान भी इतनी रफ्तार से आर्थिक विकास नहीं हुआ था। 

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