वसूली के आरोप की सीबीआइ जांच: बांबे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती सुप्रीम कोर्ट में दे सकते हैं देशमुख

बांबे हाई कोर्ट द्वारा 100 करोड़ की वसूली के आरोप की सीबीआइ से जांच के कराने के आदेश को अनिल देशमुख सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। बांबे हाई कोर्ट के आदेश के बाद देशमुख ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 06 Apr 2021 02:52 AM (IST) Updated:Tue, 06 Apr 2021 02:52 AM (IST)
वसूली के आरोप की सीबीआइ जांच: बांबे हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती सुप्रीम कोर्ट में दे सकते हैं देशमुख
इस्तीफा देने के बाद देशमुख ने दिल्ली आकर वरिष्ठ वकीलों से मुलाकात की।

नई दिल्ली, प्रेट्र। बांबे हाई कोर्ट द्वारा 100 करोड़ की वसूली के आरोप की सीबीआइ से जांच के कराने के आदेश को अनिल देशमुख सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। सोमवार को बांबे हाई कोर्ट के आदेश के बाद देशमुख ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है।

इस्तीफा देने के बाद देशमुख ने दिल्ली आकर वरिष्ठ वकीलों से मुलाकात की

सूत्रों के मुताबिक सोमवार को मुंबई में इस्तीफा देने के बाद देशमुख ने दिल्ली आकर कई वरिष्ठ वकीलों से मुलाकात की। इस बात की प्रबल संभावना है कि वे मंगलवार को बांबे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं।

बांबे हाई कोर्ट ने वसूली के आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया

उल्लेखनीय है देशमुख के खिलाफ पुलिस अफसरों के जरिये हर महीने 100 करोड़ की वसूली के आरोप लगने के बाद दायर हुई कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बांबे हाई कोर्ट ने वसूली के आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया है।

गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दिया

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद देशमुख के इस्‍तीफे से सूबे में सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा ने इस घटनाक्रम पर मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे की चुप्‍पी पर सवाल उठाते हुए उनसे इस्‍तीफा मांगा है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने शासन करने का नैतिक अधिकार खो दिया है।

रविशंकर प्रसाद ने उठाए सवाल

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि महाराष्ट्र गृह मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है। मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे इस मामले में खामोश हैं। शरद पवार कहते हैं कि मंत्री के बारे में फैसला मुख्‍यमंत्री करते हैं। कांग्रेस और शिवसेना कहती है कि अनिल देशमुख के बारे में फैसला एनसीपी करेगी। अनिल देशमुख ने शरद पवार से मिलकर मुख्‍यमंत्री को इस्तीफा दिया है। रविशंकर प्रसाद ने सवाल किया कि जिस मुख्यमंत्री की अगुवाई में इतनी बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही हैं क्‍या उनका कोई नैतिक दायित्व नहीं बनता है?

उद्धव की चुप्पी पर उठाए सवाल

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देशमुख ने अपने इस्तीफे में जिक्र किया है कि वह नैतिक आधार पर पद से त्यागपत्र दे रहे हैं लेकिन इस पूरे प्रकरण में उद्धव ठाकरे की चुप्पी कई सवाल उठाती है। मुख्यमंत्री जी आपकी कोई नैतिकता है कि नहीं? आपकी नैतिकता कहा हैं? क्या हम आपकी नैतिकता के बारे में सुनेंगे। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शासन करने के नैतिक अधिकार से अब वंचित हो गए हैं।

निष्‍पक्ष जांच की मांग

रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि शरद पवार जी देश के एक वरिष्ठ राजनेता हैं। उन्हें अनिल देशमुख को पूरी तरह से क्लीन चिट देने के निहितार्थ को समझना चाहिए। यह मामला बेहद गंभीर है और उद्धव ठाकरे की सरकार दो मोर्चों पर फंसी हुई है। पहला सचिन वाझे प्रकरण और दूसरा उगाही प्रकरण... इन प्रकरणों के पूरे तार को जोड़ा जाए तो यह एक बड़े लूट के षड़यंत्र की ओर इशारा करता है। इस पूरे मामले के सभी पहलुओं की निष्‍पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि पता चल सके कि कौन किसको प्रश्रय दे रहा था...

उद्धव ठाकरे ने बचाने की कोशिश की

वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देनी की ज़रूरत थी। उन्हें NCP और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा बचाने की कोशिश की गई थी। शरद पवार ने अनिल देशमुख को इस्तीफा देनी की इजाज़त दे दी है, यह अच्छी बात है।

अठावले ने कहा- देशमुख को इस्तीफा देनी की ज़रूरत थी

वहीं केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देनी की ज़रूरत थी। उन्हें NCP और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा बचाने की कोशिश की गई थी। शरद पवार ने अनिल देशमुख को इस्तीफा देनी की इजाज़त दे दी है, यह अच्छी बात है।

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