गिरिराज सिंह बोले- हाफिज सईद और बगदादी ने देवबंद से ली है आतंक की शिक्षा
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि देवबंद जैसे मदरसों से आतंकी निकलते हैं जबकि गुरुकुल के बच्चे आचार्य बनकर भारतीय संस्कृति को बचा रहे हैं।
सहारनपुर, जासं। अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले केंद्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने बुधवार को देवबंद में दारुल उलूम पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दारुल उलूम से हाफिज सईद और बगदादी जैसे आतंकी निकलते हैं, जबकि गुरुकुल से कोई भी छात्र आतंकी बनकर नहीं निकलता।
महाकालेश्वर ज्ञान आश्रम के स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती से मुलाकात के उपरांत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरिराज सिंह ने कहा कि हाफिज सईद और बगदादी जैसे आतंकियों ने देवबंद के मदरसों में ही शिक्षा ग्रहण की। दूसरी ओर देवबंद में संचालित गुरुकुल आश्रम से बच्चे आचार्य बनकर भारतीय संस्कृति को बचा रहे हैं। विदेशी आक्रमणकारियों ने इस कस्बे का नाम देववृंद से बदलकर देवबंद कर दिया। सरकार को देवबंद का नाम भी देववृंद कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब देश में 33 करोड़ मुस्लिम 30 लाख मस्जिद बना सकते हैं तो देश का 100 करोड़ हिंदू अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर क्यों नहीं बना सकते। जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना समय की मांग है। कहा कि 1947 में बंटवारे के दौरान प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू काशी और मथुरा के साथ-साथ अयोध्या का विवाद भी सुलझा लेते तो आज देश में चारों और शांति व भाईचारे का माहौल होता।
हिंदुओं के सब्र का इम्तिहान न लेंः गिरिराज सिंह
उधर, गाजियाबाद में भाजपा नेता पृथ्वी सिंह के आवास पर पत्रकारों से उन्होंने कहा कि राममंदिर के संबंध में पूछे गए सवाल पर गिरीराज ने कहा कि श्रीराम हमारे आराध्य हैं। यह मामला आस्था से जुड़ा है। हमारे सब्र का इम्तिहान नहीं लेना चाहिए। पाकिस्तान और बांग्लादेश में लगातार मंदिर तोड़े जा रहे हैं, वहां हिंदू बच नहीं रहा है और हमारे यहां तीन लाख मस्जिद बन गई हैं। इस पर किसी को आपत्ति नहीं है।
इससे पहले गिरिराज सिंह, जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर डासना देवी मंदिर में आमरण अनशन पर बैठे महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से मिलने पहुंचे और अनशन तोड़ने की अपील की। उन्होंने बताया कि यति से मिलने से पहले वह उनके गुरु ब्रह्मानंद सरस्वती से मिलने के लिए देवबंद गए थे और उनका संदेश लेकर यति के पास पहुंचे थे।
गिरिराज के बयान पर उलमा बिफरे, पूछा- बताइए कितनों को पकड़ा?
केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा दारुल उलूम देवबंद को आतंकवाद से जोड़े जाने पर उलमा आगबबूला हैं। हालांकि दारुल उलूम ने इस बाबत टिप्पणी से इन्कार किया है। जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मौलाना हसीब सिद्दीकी ने स्पष्ट किया कि दारुल उलूम विश्व का पहला ऐसा मदरसा है, जिसने आतंकवाद के खिलाफ वर्ष 2008 में फतवा जारी किया था।
उन्होंने गिरिराज सिंह पर प्रतिक्रिया में सवाल दागा, 'केंद्रीय मंत्री बताएं कि क्या दारुल उलूम देवबंद से कोई आतंकी पकड़ा गया है।' तंजीम अब्ना ए दारुल उलूम के अध्यक्ष मुफ्ती याद इलाही कासमी ने कहा कि सोची समझी साजिश के तहत देशवासियों का ध्यान गंभीर मुद्दों से भटकाने को इस तरह की बयानबाजी की जा रही है। फतवा ऑन मोबाइल सर्विस के चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि एक मंत्री के मुंह से निकला शब्द उसकी सरकार का एजेंडा होता है।