रंजन गोगोई के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, टीएमसी ने बयान को सदन की प्रतिष्ठा पर चोट बताया

गोगोई ने राज्यसभा में अपनी मात्र 10 प्रतिशत उपस्थिति को उचित ठहराते हुए कहा था कि शीतकालीन सत्र के पहले तक आरटीपीसीआर टेस्ट के बाद सदन में जाने की व्यवस्था थी। इस टेस्ट के लिए वे सहज नहीं महसूस कर रहे थे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Mon, 13 Dec 2021 08:34 PM (IST) Updated:Mon, 13 Dec 2021 08:34 PM (IST)
रंजन गोगोई के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव, टीएमसी ने बयान को सदन की प्रतिष्ठा पर चोट बताया
टीएमसी के अलावा कुछ अन्य दलों के सांसद भी गोगोई के बयान से हैं नाराज

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस और राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस ने सदन की अवमानना को लेकर विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। प्रस्ताव में गोगोई के अपनी मर्जी और पसंद से सदन की कार्यवाही में शामिल होने के बयान को सदन की अवमानना बताया गया है।

तृणमूल के राज्यसभा सदस्य जवाहर सरकार और मौसम नूर के इस प्रस्ताव पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इस पर फैसले का दारोमदार सभापति पर है। टीएमसी के अलावा कुछ अन्य दलों के सांसद भी गोगोई के बयान से नाराज हैं। संभावना है कि कुछ अन्य सदस्य भी विशेषाधिकार हनन का नोटिस देंगे।

टीएमसी सांसदों ने अपने नोटिस में एक टीवी इंटरव्यू में गोगोई के राज्यसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं होने को लेकर दिए गए बयान का हवाला दिया है। गोगोई ने राज्यसभा में अपनी मात्र 10 प्रतिशत उपस्थिति को उचित ठहराते हुए कहा था कि शीतकालीन सत्र के पहले तक आरटीपीसीआर टेस्ट के बाद सदन में जाने की व्यवस्था थी। इस टेस्ट के लिए वे सहज नहीं महसूस कर रहे थे।

गोगोई ने यह भी कहा कि मैं राज्यसभा जाता हूं जब मैं पसंद करता हूं या जब मुझे लगता है कि कोई महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर मुझे अपनी बात रखनी चाहिए। मैं मनोनीत और निर्दलीय सदस्य हूं किसी पार्टी व्हिप से बंधा नहीं हूं।

तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा ने नोटिस को सही ठहराते हुए ट्वीट में कहा कि केवल टीएमसी ही है, जो कहती है वह करती है। गोगोई के लिए उन्होंने कहा कि इस व्यक्ति के लिए संसद में जगह नहीं होनी चाहिए।

राज्यसभा में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों के वेतन संबंधी विधेयक पर चर्चा के दौरान राजद सांसद मनोज झा ने भी नाम लिए बिना जस्टिस गोगोई पर निशाना साधा। झा ने भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली के बयान का जिक्र किया कि रिटायरमेंट से पहले के फैसले रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पदों से प्रभावित होते हैं। साथ ही यह भी कहा कि वे नाम लेना नहीं चाहेंगे मगर इस सदन में भी इसका उदाहरण है।

chat bot
आपका साथी