भाजपा की उम्मीदें दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य गारंटी योजना 'आयुष्मान भारत' पर टिकीं

11 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा कि आयुष्मान भारत छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा के लिए कितना गेमचेंजर साबित होता है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 10:08 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 10:08 PM (IST)
भाजपा की उम्मीदें दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य गारंटी योजना 'आयुष्मान भारत' पर टिकीं
भाजपा की उम्मीदें दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य गारंटी योजना 'आयुष्मान भारत' पर टिकीं

नीलू रंजन, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भाजपा की उम्मीदें अपनी सरकारों के 15 सालों के काम के साथ-साथ आयुष्मान भारत पर भी टिकी है। इन दोनों ही राज्यों में सभी लाभार्थियों को प्रधानमंत्री की ओर से आयुष्मान भारत का पत्र दे दिया है। चुनाव की घोषणा के दो दिन पहले आयुष्मान भारत लागू करने के लिए हस्ताक्षर करने के कारण राजस्थान में एक भी लाभार्थी को यह पत्र नहीं भेजा गया है। जबकि तेलंगाना ने आयुष्मान भारत को अपने यहां नहीं लागू करने का फैसला किया है।

दरअसल देश के 10.74 करोड़ परिवारों के 50 करोड़ से अधिक सदस्यों को आयुष्मान भारत के तहत सालाना मुफ्त और कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। 'मोदीकेयर' के नाम से मशहूर दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य गारंटी योजना को चुनावी गणित के हिसाब से गेमचेंजर भी बताया जाता है। लेकिन इसकी पहली परीक्षा छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में होनी है और इस पर भी भाजपा की उम्मीदें टिकी हैं।

वैसे तो लगभग दो महीने पहले लागू इस योजना के तहत अभी तक पूरे देश में दो लाख 32 हजार गरीबों का मुफ्त इलाज किया जा चुका है और धीरे-धीरे उनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन इसमें सबसे अहम प्रधानमंत्री की ओर से लाभार्थी परिवारों को भेजे जा रहे पत्र को माना जा रहा है।

इस पत्र में प्रधानमंत्री की ओर से लाभार्थी परिवारों को पांच लाख रुपये तक सालाना मुफ्त और कैशलेस इलाज का भरोसा दिया जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में सभी लाभार्थी परिवारों को यह पत्र पहुंचा दिया गया है।

दरअसल छत्तीसगढ़ की जनसंख्या लगभग ढाई करोड़ है, जिसमें लगभग 1.80 करोड़ मतदाता है। यहां 31.62 लाख परिवारों को आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री का पत्र दिया गया है। एक परिवार में औसतन तीन मतदाता के हिसाब से राज्य के लगभग आधे मतदाताओं को आयुष्मान भारत के तहत पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा के हकदार बन गए हैं। इसी तरह मध्यप्रदेश की कुल जनसंख्या लगभग सात करोड 33 लाख है। इसमें लगभग चार करोड़ 80 लाख मतदाता है। यहां लगभग 65.36 लाख परिवारों को आयुष्मान भारत का प्रधानमंत्री का पत्र मिल चुका है।

प्रति परिवार तीन मतदाता के हिसाब से यहां भी एक तिहाई से अधिक मतदाता आयुष्मान भारत के तहत लाभ के हकदार हैं। जाहिर है 11 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा कि आयुष्मान भारत छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा के लिए कितना गेमचेंजर साबित होता है।

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