बाबू लाल गौर के बगावती तेवर, भाजपा में वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी पर जताई नाराजगी

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बाबूलाल गौर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। अब गौर ने बिना नाम लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर निशाना साधा है।

By Vikas JangraEdited By: Publish:Fri, 25 Jan 2019 11:05 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jan 2019 11:05 AM (IST)
बाबू लाल गौर के बगावती तेवर, भाजपा में वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी पर जताई नाराजगी
बाबू लाल गौर के बगावती तेवर, भाजपा में वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी पर जताई नाराजगी
भोपाल, नईदुनिया। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बाबूलाल गौर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। अब गौर ने बिना नाम लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि एक के बाद एक वरिष्ठ नेताओं को षड्यंत्र कर ठिकाने लगाया गया। कैलाश विजयवर्गीय जैसे नेता को प्रदेश छोड़ना पड़ा। लक्ष्मीकांत शर्मा का कद बढ़ने लगा तो व्यापमं में फंसा दिया।

राघवजी, सरताज सिंह और रामकृष्ण कुसमरिया जैसे उम्र और अनुभव में बड़े, पांच-छह बार के सांसद रहे नेताओं को किस तरह अपमानित किया गया। किस तरह उनकी दुर्गति की गई, किसी से छिपी नहीं है। सब जानते हैं, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। सब कुछ प्लानिंग से किया गया। गौर ने नईदुनिया से चर्चा में यह बातें कहीं।

बाबूलाल गौर ने कहा, 'मैं सम्मान की लड़ाई लड़ रहा हूं। पार्टी ने सीएम बनाया तो हमने भी काम किया गौर ने कहा कि पार्टी ने उन्हें मजदूर से मुख्यमंत्री बनाया तो इसके एवज में हमने भी काम किया। इस बार पार्टी को चुनाव जितवाया। सम्मान को सरेआम ठेस पहुंचाई गौर अब तक इस बात से खफा हैं कि उन्हें कैबिनेट से बाहर क्यों निकाला गया।'

गौर कहते हैं कि मुझे बिना गलती के कैबिनेट से बाहर कर दिया। क्या यह उचित था। एक बार तो सोचते कि मेरी जीवनभर की मेहनत, सम्मान को धक्का पहुंचा रहे हो। सम्मान नहीं दे सकते, मत दो। कम से कम अपमानित तो न करो। चुनाव लड़ने का फैसला बाद में करूंगा वे बोले कि मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पिछले दिनों उनके घर भोजन पर आए थे।

उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था। मैं अभी तटस्थ हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जंबूरी मैदान में कहा था 'बाबूलाल गौर एक बार और' बस उन्हीं के इशारे का इंतजार कर रहा हूं। उसके बाद फैसला करूंगा कि क्या करना है किसका प्रस्ताव मानना है किसका नहीं।
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