अयोध्या मामला: जमीयत की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो सकती है पुनर्विचार याचिका

याचिका का मसौदा लगभग तैयार हो चुका है। पूरी संभावना है कि याचिका सोमवार को दाखिल हो जाएगी या फिर एक दो दिन में दाखिल कर दी जाएगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 02 Dec 2019 12:24 AM (IST) Updated:Mon, 02 Dec 2019 12:24 AM (IST)
अयोध्या मामला: जमीयत की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो सकती है पुनर्विचार याचिका
अयोध्या मामला: जमीयत की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो सकती है पुनर्विचार याचिका

माला दीक्षित, नई दिल्ली। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सोमवार को या एक दो दिन में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकता है। पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की तैयारियां लगभग पूरी है।

30 दिन के भीतर दाखिल करनी होती है पुनर्विचार याचिका

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका 30 दिन के अंदर दाखिल करनी होती है और इस हिसाब से मुस्लिम पक्ष के पास पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है। 30 दिन की यह अवधि 9 दिसंबर को पूरी हो रही है। मुस्लिम पक्ष की ओर से सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और हाशिम अंसारी ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से इन्कार कर दिया था लेकिन जमीयत उलेमा हिन्दू, मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड और कुछ अन्य मुस्लिम पक्षकारों ने फैसले पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की घोषणा की है।

सुप्रीम कोर्ट ने पूरी विवादित जमीन मंदिर निर्माण के लिए दे दी थी

सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने गत नौ नवंबर को सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए राम जन्मभूमि में पूरी विवादित जमीन मंदिर निर्माण के लिए दे दी थी। कोर्ट ने केन्द्र सरकार को आदेश दिया था कि वह अयोध्या अधिग्रहण कानून 1993 के प्रावधानों के मुताबिक एक ट्रस्ट गठित करे और उस ट्रस्ट को पूरी विवादित जमीन अंदर का अहाता और बाहर का अहाता सौंपे। ट्रस्ट को उस जमीन पर मंदिर निर्माण का अधिकार होगा। इसके अलावा कोर्ट ने फैसले में 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने को गैरकानूनी माना था। कोर्ट ने मुसलमानों को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में ही किसी अन्य जगह प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था।

फैसले के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड और जमीयत पुनर्विचार याचिका करेंगे दाखिल

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से असहमति जाहिर करते हुए मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड और जमीयत उलेमा हिन्द ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की घोषणा की है। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सचिव वकील जफरयाब जिलानी ने प्रेस कान्फ्रेंस करके फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की घोषणा की थी।

कमेटी ने जमीयत को पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की दी थी सलाह

उधर जमीयत उलेमा हिन्द ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार करने और पुनर्विचार याचिका की संभावनाएं तलाशने के लिए 14 नवंबर को पांच सदस्यीय एक कमेटी बनाई थी। कमेटी की जिम्मेदारी थी कि वह वकीलों और कानूनविदों से बातचीत कर जमीयत को रिर्पोट सौंपे। कमेटी ने 17 नवंबर को अपनी रिपोर्ट जमीयत को सौंपी थी जिसमें कमेटी ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की सलाह दी थी। इसके बाद से जमीयत ने पुनर्विचार याचिका की तैयारी शुरू कर दी थी।

याचिका का मसौदा तैयार

याचिका का मसौदा लगभग तैयार हो चुका है। पूरी संभावना है कि याचिका सोमवार को दाखिल हो जाएगी या फिर एक दो दिन में दाखिल कर दी जाएगी। जमीयत का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में माना है कि वहां मस्जिद थी और वहां नमाज होती थी तो फिर उस पर मुसलमानों का हक कैसे नहीं दिया गया।

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