छत्तीसगढ़ में पेपरलेस सिस्टम की ओर बढ़ी विधानसभा, सभी विधायकों की टेबल पर लगेंगे आइपैड

ई-विधान जैसी कार्यप्रणाली को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति ली जाती है। सभी विधायकों से चर्चा और केंद्र से अनुमति लेने के बाद ही कार्यवाही होगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 17 Jan 2020 10:54 PM (IST) Updated:Fri, 17 Jan 2020 10:54 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में पेपरलेस सिस्टम की ओर बढ़ी विधानसभा, सभी विधायकों की टेबल पर लगेंगे आइपैड
छत्तीसगढ़ में पेपरलेस सिस्टम की ओर बढ़ी विधानसभा, सभी विधायकों की टेबल पर लगेंगे आइपैड

रायपुर, राज्य ब्यूरो। विश्व में कागज को बचाने के लिए चल रही मुहिम के बीच छत्तीसगढ़ विधानसभा ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाया है। विधानसभा की कार्यवाही को पेपरलेस करने के लिए पहल की गई है। हर विधायक की सीट पर एक डिवाइस लगाई जाएगी, जिसमें सदस्यों के सवाल, उपस्थिति, पुस्तकालय में रखे दस्तावेज ऑनलाइन नजर आएंगे। विधानसभा ने इससे पहले डिजिटल लाइब्रेरी भी तैयार की है।

लाखों रुपये के कागज की होगी बचत

दरअसल, विधानसभा में दस्तावेजों को देने के लिए लाखों रुपये के कागज की खरीदारी की जाती है। अब इसे कम करने की दिशा में डिजिटल मोड में बढ़ा जा रहा है। यह पहल हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में की जा चुकी है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा कि पेपरलेस सिस्टम में आगे बढ़ने की दिशा में टेस्टिंग की गई है।

विधायकों की टेबल पर लगना था आइपैड, लेकिन विपक्ष की आपत्ति पर हटा लिया गया

विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि कागज के कम उपयोग के लिए कुछ प्रतिवेदन को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। आइपैड की टेस्टिंग विधानसभा के एक दिवसीय सत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की टेबल पर लगाकर की गई। हालांकि, विपक्ष के विधायकों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई और उसे हटा लिया गया।

सबकी जानकारी के बाद ही डिवाइस सदन में लगाई जाए

विधायकों का तर्क था कि सबकी जानकारी के बाद ही किसी प्रकार की डिवाइस सदन में लगाई जाए। हिमाचल प्रदेश में ई-विधान प्रणाली है। इसके छोटे रूप में विधायकों के टेबल पर आइपैड डिवाइस लगाई जाएगी। इसमें कई तरह के साफ्टवेयर लोड किए गए हैं।

ई-विधान जैसी कार्यप्रणाली को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति ली जाती है

रिफरेंस के लिए पुराने दस्तावेज को भी अपलोड किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि ई-विधान जैसी कार्यप्रणाली को लागू करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति ली जाती है।

सभी विधायकों से चर्चा और केंद्र से अनुमति लेने के बाद ही कार्यवाही होगी

अभी तक अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि सभी विधायकों से चर्चा और सरकार से अनुमति लेने के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी।

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