भारत और आसियान देशों के संबंध बेहतर हुए हैं: पीएम मोदी

नई दिल्ली में आसियान देशों के प्रमुखों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की अहम बैठक आज,चीन को घेरने की तैयारी।

By Nancy BajpaiEdited By: Publish:Thu, 25 Jan 2018 09:01 AM (IST) Updated:Thu, 25 Jan 2018 06:33 PM (IST)
भारत और आसियान देशों के संबंध बेहतर हुए हैं: पीएम मोदी
भारत और आसियान देशों के संबंध बेहतर हुए हैं: पीएम मोदी

नई दिल्ली (जेएनएन)। आसियान सम्मेलन में हिस्सा लेने आसियान के नेताओं का राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू  और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी आसियान नेताओं के साथ बैठक कर आपसी हितों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की। विदेश मंत्रालय की सचिव (ईस्ट) प्रीति सरन ने बताया कि बताया कि बैठक के दौरान पीएम मोदी ने आसियान नेताओं के साथ 6 द्विपक्षीय बैठकें कीं।

इन बैठकों के बाद आसियान सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि रामायण, बौद्ध धर्म और इस्लाम का साझा इतिहास भारत को आसियान देशों से जोड़ता है। आसियान नेताओं का भारत में स्वागत करते हुए उन्होंने कहा, ' भारत और आसियान देशों के संबंध बेहतर हुए हैं। भारत आसियान के मूल सिद्धांत शांति और सामाजिक सद्भाव के साथ है। हम आसियान के साथ संबंधों को आगे बढ़ाना चाहते हैं। पिछले 25 सालों में हमारा व्यापार 25 गुना बढ़ा है, हम आसियान के साथ व्यापारिक संबंधों को और बेहतर बनाना चाहते हैं।'

 दो दिन तक चलने वाले भारत आसियान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए वियतनाम, कंबोडिया, म्यांमार, फिलीपीन्स, थाईलैंड, सिंगापुर और ब्रुनेई के शासनाध्यक्ष नई दिल्ली पहुंचें हुए हैं। चीन के साथ तल्ख होते रिश्तों के बाद अपनी 'लुक ईस्ट नीति' को धार देने में जुटे भारतीय कूटनीति के लिए अगले दो दिन बेहद महत्वपूर्ण होंगे। भारत के साथ आसियान के नेताओं को अहम बैठक आज से शुरू हो रही है। एशिया के सबसे मजबूत संगठन आसियान के दस सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों या उनकी सरकारों के प्रमुखों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की इस बैठक पर एशिया की ही नहीं, दूसरे महाद्वीपों के देशों की भी नजरें टिकी हुई हैं। चीन की बढ़ती ताकत के खिलाफ एशिया में हो रही लामबंदी को देखते हुए इस बैठक की अहमियत तो है ही, लेकिन भारत इन देशों के रक्षा क्षेत्र में अपना बड़ा बाजार भी देख रहा है। ये सभी नेता शुक्रवार को गणतंत्र दिवस समारोह में राजकीय अतिथि होंगे। यह पहला मौका होगा जब गणतंत्र दिवस समारोह में एक साथ दस देशों के राष्ट्र प्रमुख राजकीय अतिथि होंगे।

इस बीच, खबर है कि पीएम मोदी ने अपने थाईलैंड समकक्ष प्रयुथ चान-ओछा से मुलाकात की है। दोनों की गर्मजोशी से मुलाकात करने के दौरान की यह तस्‍वीर सामने आई है।

भारत में आसियान देशों के प्रमुख नेता

बुधवार को आसियान के नौ लीडर नई दिल्ली पहुंच गये। देर शाम को पीएम नरेंद्र मोदी की म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की, वियतनाम के पीएम नुएन शुआनफुक और फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुर्तेतो के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। शेष बचे सात देशों के प्रमुखों के साथ पीएम मोदी की आज द्विपक्षीय बैठक होगी। इसके अलावा आसियान-भारत संयुक्त बैठक भी होगी। इसमें समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा और सहयोग सबसे अहम विषय होगा। यह विषय ही बताता है कि आसियान देश और भारत के बीच सहयोग की दिशा क्या होने वाली है। आसियान देशों के पास समुद्री क्षेत्र में चीन के दावे को लेकर हर तरफ बेचैनी है। दक्षिण चीन सागर इन सभी विवादों की जड़ है। जानकार मानते हैं कि इस बैठक में आसियान के सभी सदस्य देश यह भी तौलने की कोशिश करेंगे कि भारत समुद्री क्षेत्र में उनके हितों की सुरक्षा करने की कितनी क्षमता रखता है।

भारत पर आसियान देशों का बढ़ा भरोसा

पूरे क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे पर अभी तक बेहद धीमी स्वर में प्रतिक्रिया दे रहे भारत की आवाज हाल के वर्षों में बुलंद हुई है। डोकलाम और वन बेल्ट-वन रोज जैसे मुद्दे पर जिस तरह से भारत ने जापान, अमेरिका व अन्य देशों का समर्थन हासिल किया है, उससे आसियान देशों की उम्मीदें और बढ़ी हैं। भारत ने जमीनी व समुद्री मार्ग से आसियान देशों को जोड़ने की अपनी नई योजना का खुलासा भी कर दिया है। इस बारे में मोदी की आसियान नेताओं के साथ और खुलकर बात होगी। खास तौर पर भारत-म्यांमार-थाईलैंड के बीच बनने वाली सड़क परियोजना को आसियान के दूसरे देशों के बीच ले जाने की रणनीति पर इस बैठक में चर्चा होगी। भारत ने हाल ही में जापान, आस्ट्रेलिया और अमेरिका के साथ एक नई रणनीतिक गठबंधन बनाने की शुरुआत की है। आसियान के देशों को इस गठबंधन को लेकर कुछ अपनी चिंताएं हैं, जिसको पीएम मोदी को द्विपक्षीय बैठकों में दूर करना होगा।

वित्त मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीति शरण का कहना है, 'वर्ष 2012 से ही भारत और आसियान देशों के बीच रणनीतिक संबंध है, लेकिन उनकी प्रगति इस वर्ष के बाद ज्यादा उल्लेखनीय तरीके से हो सकती है। खासतौर पर रक्षा क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं जिनके द्वार अब खुल सकते हैं।' उम्मीद है कि भारत अपने कई आधुनिक हथियारों के लिए आसियान के कुछ देशों के साथ बात कर रहा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राजधानी दिल्ली में भारत-आसियान मैत्री पार्क का उद्घाटन किया है। लुटियंस दिल्ली के मध्य में स्थित तुगलक क्रीसेंट में आयोजित समारोह में आसियान के महासचिव ली लूंग मिन्ह ने भी शिरकत की।

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