लोकपाल होता तो राफेल पर हंगामा नहीं होता: अन्ना हजारे
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि यदि लोकपाल होता तो राफेल पर हंगामा नहीं होता।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार विरोधी कानून को लागू करने तथा किसानों की मांगें पूरी करने पर जोर देते हुए सोमवार को कहा कि यदि लोकपाल होता तो राफेल पर हंगामा नहीं होता। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर 30 जनवरी से फिर बेमियादी अनशन शुरू करने का भी एलान किया। इस बार वह अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनशन शुरू करेंगे और मांगें पूरी होने तक जारी रखेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद लोकपाल एवं लोकायुक्त कानून-2013 लागू नहीं किए जाने के मामले में केंद्र पर नाराजगी जाहिर करते हुए अन्ना ने कहा कि वह महसूस करते हैं कि देश खतरे में है और निरंकुशता की ओर बढ़ रहा है।
अन्ना ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'मेरे पास राफेल पर बहुत सारे कागजात हैं। मैं दो दिनों में उनका अध्ययन कर अलग से प्रेस कांफ्रेंस करूंगा। एक बात मेरे समझ में नहीं आ रही कि डील होने से एक महीने पहले ही बनी कंपनी कैसे इसमें साझीदार बन गई।' उन्होंने कहा, पूर्व में सरकार ने लिखित में दिया था कि लोकपाल कानून लागू करेंगे और किसानों को पेंशन तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य का डेढ़ गुना दाम देंगे, लेकिन कुछ नहीं किया।
राष्ट्रीय किसान महापंचायत ने अन्ना का समर्थन करते हुए कहा है कि संगठन देश भर में अनशन में शामिल होगा। महापंचायत की कोर कमेटी के सदस्य शिव कुमार कक्का ने बताया कि मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान तथा महाराष्ट्र के 15 किसान संगठनों ने भी अनशन में शामिल होने की बात कही है। लोकपाल की मांग को लेकर पिछले आठ वर्षो में अन्ना का यह तीसरा अनशन होगा। इस मामले में एक बड़े आंदोलन का आगाज करते हुए वह पहली बार दिल्ली के रामलीला मैदान में अप्रैल 2011 में अनशन पर बैठे थे।
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