भारत से नेपाल जाने का एक और रास्‍ता बनाने की तैयारी, कम हो जाएगी 40 किमी दूरी Gorakhpur News

महराजगंज जिले में रोहिन नदी के चानकी घाट पर बने पुल का ए्प्रोच बनाने की तैयारी चल रही है। इस एप्रोच के बनने से भारत से नेपाल की दूरी 40 किमी कम हो जाएगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 28 Nov 2019 03:30 PM (IST) Updated:Fri, 29 Nov 2019 10:43 AM (IST)
भारत से नेपाल जाने का एक और रास्‍ता बनाने की तैयारी, कम हो जाएगी 40 किमी दूरी Gorakhpur News
भारत से नेपाल जाने का एक और रास्‍ता बनाने की तैयारी, कम हो जाएगी 40 किमी दूरी Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। महराजगंज जिले में पुरंदरपुर-रानीपुर-खालिकगढ़ मार्ग पर रोहिन नदी के चानकी घाट पर सात वर्ष पहले 3.30 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण हुआ। लेकिन इसका एप्रोच नहीं बन सका। कारण जमीन की दिक्कत आड़े आ गई। एप्रोच का निर्माण हो जाता तो गोरखपुर से नेपाल और महराजगंज से सोनौली जाने वालों को 40 किमी दूरी कम तय करनी पड़ती। हालांकि पीडब्लूडी ने एप्रोच के लिए नए सिरे से पहल करते हुए 1.20 करोड़ का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा है।

1998-99 में शुरू हुआ पुल का निर्माण

चानकीघाट पर 1998-99 में पुल का निर्माण शुरू हुआ। तमाम झंझावतों को झेलते हुए मई 2012 में पुल तो तैयार हुआ, लेकिन एप्रोच नहीं बन सका। इसके लिए दो वर्ष पहले सिटीजन फोरम महराजगंज व भारतीय किसान यूनियन ने जल सत्याग्रह किया। उनकी मांग पूरी होने में वन विभाग की जमीन आड़े आ गई।

एप्रोच बनने से लाभ

पुल पर आवागमन शुरू होने से आसपास के दो दर्जन गांवों के लोगों की सोनौली की राह आसान हो जाएगी। अभी लोगों को निचलौल के रास्ते जाना पड़ता है। वहीं चानकीघाट पुल चालू होने से गोरखपुर को नेपाल के लिए एक और रास्ता मिल जाएगा जो महराजगंज होते हुए महेशपुर बार्डर चला जाएगा। महेशपुर बार्डर पर बाईपास बन रहा है। पोखरा व काठमांडू जाने के लिए महेशपुर बार्डर का रास्ता गोरखपुर वासियों के लिए ज्यादा मुफीद होगा।

एप्रोच मार्ग न बन पाने की वजह से पुल पर आवागमन बंद है। नए सिरे से एप्रोच मार्ग का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है। स्वीकृत होते ही निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। - एसपी सिंह, मुख्य अभियंता, पीडब्लूडी

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