आतंकवाद पर दोहरा रवैया, कश्मीर दिवस के नाम पर पाक में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के पौ बारह

कश्मीर दिवस के नाम पर समूचे पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों ने ना सिर्फ बड़ी-बड़ी रैलियां निकालीं बल्कि कश्मीर के नाम पर जम कर चंदा भी वसूला।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 06 Feb 2019 07:33 PM (IST) Updated:Wed, 06 Feb 2019 07:33 PM (IST)
आतंकवाद पर दोहरा रवैया, कश्मीर दिवस के नाम पर पाक में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के पौ बारह
आतंकवाद पर दोहरा रवैया, कश्मीर दिवस के नाम पर पाक में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के पौ बारह

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पाकिस्तान की यह पुरानी आदत है जब अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता है तो वह आतंकवादियों पर लगाम लगाने की औपचारिकता पूरी करता है और फिर पुराने ढर्रे पर लौट आता है। एक बार फिर ऐसा ही हो रहा है। कश्मीर दिवस के नाम पर समूचे पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों ने ना सिर्फ बड़ी-बड़ी रैलियां निकालीं बल्कि कश्मीर के नाम पर जमकर चंदा भी वसूला।

इन संगठनों में जैश ए मोहम्मद, लश्करे तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन शामिल हैं जिन पर भारत, अमेरिका, यूरोपीय संघ समेत कई दूसरे देशों ने प्रतिबंध लगाया हुआ है। ये सारे संगठन कुख्यात आतंकी हफीज सईद के नए संगठन तहरीके आजादी जम्मू व कश्मीर (टीएजेके) के बैनर तले जमा हुए और सार्वजनिक तौर पर भारत विरोधी नारे लगाये गये और कश्मीर में जिहाद के नाम पर चंदा वसूला गया।

भारत की खुफिया एजेंसियों की नजरें भी इन सभी रैलियों पर थी। लाहौर में टीएजेके की सबसे बड़ी रैली निकाली गई जिसमें वक्ताओं ने कश्मीर के लिए फंड उपलब्ध कराने पर पाकिस्तान सरकार को शुक्रिया भी किया। यह उसी दिन हुआ जिस दिन लंदन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी यह दावा कर रहे थे कि कश्मीर में हो रही हिंसा में पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं है।

खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के रवैये में यह बदलाव अफगानिस्तान के हालात में हो रहे बदलाव से जोड़ कर देखा जा सकता है। अमेरिका व तालिबान के बीच वार्ता जारी होने से पाकिस्तान को इस बात का पता चल गया है कि उसकी अहमियत आने वाले दिनों में बढ़ेगी, लिहाजा वह 'अच्छे आतंकी और बुरे आतंकी' की नीति की राह पर फिर से लौट आया है।

खुफिया सूत्रों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर जिस तरह का माहौल है पाकिस्तान उसका भी फायदा उठाने की कोशिश में है। अमेरिकी प्रशासन की दूसरी प्राथमिकताओं, यूरोपीय संघ में ब्रेक्सि्ट को लेकर चल रहे विवाद और भारत में चुनावी माहौल बने रहने की वजह से पाकिस्तान पर अभी कोई अंतरराष्ट्रीय दबाव नहीं है। भारत की अगुवाई में आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा तो पाकिस्तान सरकार ने जून, 2017 में टीएजेके पर प्रतिबंध लगाये थे और इसके कर्ता-धर्ता हाफिज सईद को भी नजरबंद किया था।

लेकिन इमरान खान की सरकार के आने के बाद हाफिज सईद खुलेआम कैबिनेट के मंत्रियों के साथ भारत विरोधी बयान दे रहा है। पीएम खान के एक कैबिनेट मंत्री ने सार्वजनिक सभा में कहा है कि उनकी सरकार सईद को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। टीएजेके अब खुलेआम आतंकी गतिविधियो के लिए फंड जुटा रहा है।

यही वजह है कि भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद के मुद्दे को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पिछले दिनों कहा था कि एक तरफ पीएम इमरान खान कई बार कह चुके हैं कि भारत के साथ वे दोस्ती का माहौल बनाना चाहते हैं जबकि दूसरी तरफ उनकी सरकार के कई मंत्री आतंकियों के साथ उठ बैठ रहे हैं।

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