इमरान खान के घडि़याली आंसू, 15 वर्षों से आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा पाकिस्तान
ट्रंप और इमरान खान ने इस बात पर सहमति जताई है कि केवल सेना के जरिए अफगानिस्तान की समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता है।
वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistani Prime Minister Imran Khan) ने इस बात पर सहमति जताई है कि केवल सेना के जरिए अफगानिस्तान की समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता है। दोनों नेताओं ने माना है कि बातचीत के जरिए ही इस युद्धग्रस्त देश में स्थाई शांति लाई जा सकती है। इमरान खान के साथ पहली बार द्विपक्षीय बातचीत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने रुख में नरमी लाते हुए कहा कि पाकिस्तान मौजूदा वक्त में अफगान शांति प्रक्रिया में मदद कर रहा है। वहीं इमरान खान ने आतंकवाद के मुद्दे पर घडि़याली आंसू बहाते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ पिछले 15 वर्षों से लड़ाई लड़ रहा है।
ट्रंप ने कहा कि मुझे लगता है कि अफगानिस्तान में सेना के बलबूते शांति नहीं कायम की जा सकती है। यदि सेना के जरिए इसका समाधान खोजने की कोशिश की गई तो लाखों लाख लोग मारे जाएंगे। हम शांति समझौते के बेहद करीब है। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में हम तालिबान को अफगानिस्तान में शांति कायम करने के लिए मनाने में कामयाब होंगे। यह भी संभावना है कि हम भविष्य में बातचीत के जरिए अफगानिस्तान की समस्या का सियासी समाधान खोज लेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बीते कुछ हफ्तों में शांति प्रक्रिया में काफी तरक्की हुई है और यह भी सौ फीसद सच है कि पाकिस्तान इसमें बेहद मददगार साबित हुआ है। हालांकि, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि यह बेहद नाजुक दौर है। हम देशों के बीच सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने अमेरिकी राष्ट्रपति को आश्वस्त किया है कि हम उनके साथ है और अफगानिस्तान में शांति चाहते हैं। पाकिस्तान के पीएम ने आतंकवाद के मुद्दे पर घडि़याली आंसू बहाते हुए यह भी कहा कि उनका देश पिछले 15 वर्षों से आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है।