Tokyo Olympics 2020: वर्ल्ड नंबर-1 विनेश फोगाट उलटफेर का शिकार, क्वार्टर फाइनल में हारीं
53 किलो भारवर्ग में मेडल जीतने की सबसे बड़ी दावेदार दुनिया की नंबर एक पहलवान को बेलारुस की वेनेसा कलादजिंस्काया ने 9-3 से हरा दिया है। हालांकि अब भी रेपेचेज में पहुंचने पर उनके कांस्य पदक जीतने का मौका बन सकता है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट को टोक्यो ओलिंपिक में बड़े उलटफेर का शिकार होना पड़ा। 53 किलो भारवर्ग में मेडल जीतने की सबसे बड़ी दावेदार दुनिया की नंबर एक पहलवान को बेलारुस की वेनेसा कलादजिंस्काया ने 9-3 से हरा दिया है। जिस विक्ट्री बाइ फॉल ने भारत को 57 किलो भारवर्ग पुरुष मुकाबले के फाइनल में पहुंचाया था उसी ने यहां भारत को महिला मुकाबला में मात दी। हालांकि रेपेचेज में पहुंचने पर उनके कांस्य पदक जीतने का मौका बन सकता है।
भारत के लिए ओलिंपिक मेडल की उम्मीद लेकर इस बार उतरी विनेश की हार ने भारत को जोरदार झटका दिया। नंबर एक पहलवान का रुतबा हासिलकर यहां पहुंची इस खिलाड़ी के लिए यह हार एक बड़ा उलटफेर रहा। 3-9 के बड़े अंतर से उनको हार मिलेगी इसके बारे में किसी ने नहीं सोचा था। रैंकिंग में कम बेलारूस की पहलवान ने शुरुआत में ही विनेश पर अपना दांव चला और वह इसमें फंस गई। रही सही कसर विक्ट्री बाई फॉल ने पूरी कर दी। वैसे इस हार के बाद भी विनेश के पदक जीतने की उम्मीद पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। अगर बेलारूस की पहलवान जिसने उनको हराया वह फाइनल में पहुंच जाए तो विनेश को रेपेचेज खेलने का मौका मिलेगा जहां वह कांस्य पदक जीत सकती हैं। दुनिया की नंबर-1 पहलवान #VineshPhogat को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बेलारूस की #VanesaKaladzinskaya ने हराया। #TeamIndia #Cheer4India #Olympics #IndiaAtOlympics pic.twitter.com/fZWy3i1Qap
विनेश को वेनेसा ने चित करने के साथ ही उनके सेमीफाइनल में जगह बनाने की उम्मीद को पूरी तरह से खत्म कर दिया। इस तरह से हार के बाद भारतीय महिला पहलवान काफी निराश नजर आई। विनेश फोगट ने 53 किग्रा वर्ग में अपना पहला मैच स्वीपस्टेक की सोफिया मैटसन के खिलाफ जीत क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। विनेश ने सोफिया को 7-1 से लगभग एकतरफा मुकाबले में हराया।
यह लगातार दूसरा ओलिंपिक है जहां विनेश मेडल की दावेदार थी और हारकर उनको बाहर होना पड़ा। 2016 में हुए रियो ओलिंपिक के दौरान वह बेहद दुर्भाग्यशाली रही थी जब मैच को दौरान उनको चोट लगी थी। मैच में पकड़ बनाए हुए इस खिलाड़ी को चोट के बाद हटना पड़ा था और उनके पदक जीतने की उम्मीद की खत्म हुई थी।