प्रो कबड्डी लीग के अगले सीजन को लेकर भी सस्पेंस, नहीं हुई खिलाड़ियों की नीलामी

Pro Kabaddi League लॉकडाउन के कारण इस साल अब तक नीलामी ही नहीं हो पाई है।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Sat, 25 Apr 2020 07:51 PM (IST) Updated:Sat, 25 Apr 2020 07:51 PM (IST)
प्रो कबड्डी लीग के अगले सीजन को लेकर भी सस्पेंस, नहीं हुई खिलाड़ियों की नीलामी
प्रो कबड्डी लीग के अगले सीजन को लेकर भी सस्पेंस, नहीं हुई खिलाड़ियों की नीलामी

विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। भारतीय कबड्डी को नया जीवन देने वाली प्रो-कबड्डी लीग (पीकेएल) के अगले संस्करण पर सवालिया निशान लग गया है। पीकेएल हर साल जुलाई में शुरू होती है और अक्टूबर तक चलती है। इससे पहले अप्रैल में खिलाडि़यों की नीलामी होती है। लॉकडाउन के कारण इस साल अब तक नीलामी ही नहीं हो पाई है।

लॉकडाउन के बाद भी आसान नहीं होगी राह : इस खेल के जानकारों का कहना है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी कबड्डी की राह अन्य खेलों जितनी आसान नहीं होगी क्योंकि यह पूरी तरह से शारीरिक संपर्क वाला खेल है। पीकेएल प्रबंधन अपने स्तर पर भी कबड्डी खिलाडि़यों में जागरूकता फैला रहा है। पीकेएल के लीग कमिश्नर अनुपम गोस्वामी ने सभी खिलाडि़यों को पत्र लिखकर कोरोना से संबंधित सभी सरकारी नियमों का पालन करने और लॉकडाउन के बाद भी इसे लेकर जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया गया है।

आशावादी हैं स्टार : हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में डीएसपी के रूप में सड़क पर उतरकर कोरोना से जंग लड़ रहे राष्ट्रीय टीम के पूर्व कप्तान अजय ठाकुर ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोग जल्द से जल्द सामान्य स्थिति में वापस आना चाहेंगे, लेकिन मेरा मानना है कि इसमें वक्त लगेगा। हम सभी को लॉकडाउन के बाद भी काफी सतर्क रहना होगा। यही बात कबड्डी खिलाडि़यों पर भी लागू होगी।

एकेएफआइ और पीकेएल के आयोजक इसमें हमारा मार्गदर्शन करेंगे कि हम एक समूह के रूप में कैसे अभ्यास करने वापस आ सकते हैं। यह व्यक्तिगत फिटनेस के साथ शुरू होगा और फिर मैट प्रैक्टिस की ओर बढ़ेगा। पिछले सत्र में दबंग दिल्ली का हिस्सा रहे नवीन कुमार ने कहा कि शुरू में चीजें थोड़ी अलग हो सकती हैं लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतेंगे, हम सामान्य जीवन में लौट आएंगे। हम व्यक्तिगत रूप से प्रशिक्षण शुरू करेंगे, फिर मैट प्रैक्टिस पर आएंगे। कबड्डी शारीरिक संपर्क का खेल है इसलिए हमें निश्चित रूप से बहुत सी बातों का ध्यान रखना होगा। मेरा मानना है कि हम दिशानिर्देशों का ठीक से पालन करेंगे तो कोई समस्या नहीं होगी।

तेलुगु टाइटंस की तरफ से खेल चुके विशाल भारद्वाज ने कहा कि खिलाड़ी के तौर पर हमें धीरे-धीरे और निरंतर अभ्यास करते रहना होगा। पिछले सत्र में पुनेरी पलटन का हिस्सा रहे राजेश मंडल ने कहा कि कबड्डी पर क्रिकेट-फुटबॉल की तुलना में ज्यादा असर पड़गा क्योंकि यह खेल ही धर-पकड़ का है। मुझे लगता है कि लॉकडाउन के बाद जब तक हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं होंगे, तब तक इस खेल को फिर से शुरू नहीं किया जाएगा। इसमें एक से दो साल का भी समय लग सकता है।

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