EXCLUSIVE: टोक्यो ओलंपिक के लिए महामारी के बाद नए सिरे से करनी होंगी तैयारियां : दीपिका कुमारी
दीपिका कुमारी का मानना है कि जब कोरोना के बाद तीरंदाजी स्पर्धाएं शुरू होंगी तो सभी को एक बार फिर नए सिरे से तैयारी शुरू करनी होगी।
विश्व की पूर्व नंबर एक महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी का मानना है कि जब कोरोना के बाद तीरंदाजी स्पर्धाएं शुरू होंगी तो सभी को एक बार फिर नए सिरे से तैयारी शुरू करनी होगी। टोक्यो ओलंपिक की तैयारी में जुटे खिलाड़ियों के लिए खेल की गतिविधि रुकना उनकी तैयारी में एक बाधा है। हम लोगों ने भी तैयारी कर रखी थी कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद एक बार फिर हम पूरे जोश से तैयारी में जुटेंगे। झारखंड की स्टार तीरंदाज दीपिका कुमारी से संजीव रंजन ने खास बातचीत की। पेश है मुख्य अंश:
- कोरोना के कारण अभी खेल गतिविधियां ठप हैं ऐसे में आप कैसे अपने को फिट रख रही हैं?
लॉकडाउन में पूरा समय घर में ही बीत रहा है। अपने को फिट रखने के लिए मैं व्यायाम करने के साथ साथ योग भी कर रही हूं। इससे मुझे काफी लाभ मिल रहा है। योग से मन एकाग्र रहता है और मानसिक मजबूती भी मिलती है।
- ऐसे में समय कैसे बीत रहा है?
घर के काम सीख रही हूं। खेल के कारण ज्यादा समय मेरा बाहर ही व्यतीत होता था ऐसे में घर में काम करने का मौका नहीं मिलता था। लॉकडाउन में घर में रहकर खाना बनाना सीख रही हूं। सच कहूं तो काफी कुछ बनाना सीख भी लिया है।
-लॉकडाउन के कारण ओलंपिक की तैयारी कितनी प्रभावित हुई है?
लॉकडाउन के कारण ओलंपिक की तैयारी काफी प्रभावित हुई है। पहले हमलोग मानसिक तौर से तैयारी कर रहे थे। इससे हमें मजबूती मिलती है, लेकिन अचानक अभ्यास बंद होने के कारण तैयारी प्रभावित हुई है। मानसिक व शारीरिक दोनों पर इसका प्रभाव पड़ा है।
- ओलंपिक एक साल बढ़ने से खिलाड़ियों को कितना लाभ मिलेगा?
मेरा तो मानना है कि एक साल के लिए टोक्यो ओलंपिक के टलने से खिलाडि़यों को नुकसान ही हुआ है। ओलंपिक की तैयारी को ले सभी लय में थे, लेकिन अभी खेल रूका हुआ है ऐसे में सबका अभ्यास भी प्रभावित हुआ है। उन्हें अब फिर से तैयारी करनी पड़ेगी। यानी एक बार हमें जीरो से शुरुआत करनी होगी।
- ओलंपिक में पदक जीतना आपका सपना है इसे पूरा करने के लिए इस बार कैसी तैयारी हैं?
हर खिलाड़ी का सपना ओलंपिक पदक का होता है। मैं भी चाहती हूं। रियो ओलंपिक में जो कमी रह गई थी उसे इस बार दूर कर पदक जीतने की कोशिश करूंगी। अगर पदक जीत सकी तो मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी, लेकिन यह आसान भी नहीं है। इस स्तर पर भाग लेने वाले सभी खिलाड़ी लगभग सामान प्रतिभा वाले होते हैं। इसलिए उस दिन जो बेहतर कर गया वह जीत जाता है। यह अवश्य है कि रियो की अपेक्षा टोक्यो का माहौल हमलोगों के लिए ज्यादा उपयुक्त होगा।
-आपने अपने जीवनसाथी के रूप में एक ओलंपियन (अतानु दास) को चुना है। इससे आपको तैयारी में क्या लाभ मिलता है?
अतानु मानसिक रूप से काफी मजबूत है। अभी जब खेल गतिविधियां बंद है तब वह मानसिक रूप से मुझे मजबूती प्रदान करने के गुर बताता है। आपस में जब भी बात करते हैं तो दबाव से उबरने के संबंध में टिप्स देते हैं। जब अभ्यास करती हूं तब वह मुझे गाइड करता है।
- पहले ओलंपिक के बाद शादी करने की योजना थी अब इसके टलने से इसमें कोई बदलाव आया है क्या?
पहले दो हमदोनों की योजना यही थी। लेकिन ओलंपिक एक साल के लिए टलने के बाद अब हालात कुछ और हैं। हो सकता है शादी ओलंपिक के पहले हो जाए। हालांकि अभी कुछ तय नहीं है, लेकिन यह तय है कि शादी के बावजूद हम दोनों का पहला लक्ष्य ओलंपिक ही रहेगा।