महिला तैराकों का वीडियो बनाने पर अर्जुन अवॉर्ड विजेता हुआ निलंबित

राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप पिछले साल 31 मार्च से तीन अप्रैल तक जयपुर में हुई थी।

By Pradeep SehgalEdited By: Publish:Thu, 01 Mar 2018 12:06 PM (IST) Updated:Thu, 01 Mar 2018 12:09 PM (IST)
महिला तैराकों का वीडियो बनाने पर अर्जुन अवॉर्ड विजेता हुआ निलंबित
महिला तैराकों का वीडियो बनाने पर अर्जुन अवॉर्ड विजेता हुआ निलंबित

नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआइ) ने अर्जुन अवॉर्ड विजेता पैरा तैराक और कोच प्रशांत कर्माकर को पिछले साल जयपुर में हुई 16वीं राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप के दौरान महिला पैरा तैराकों का वीडियो बनाने, गलत आचरण और मारपीट का दोषी पाते हुए तीन साल के लिए निलंबित कर दिया है।

राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप पिछले साल 31 मार्च से तीन अप्रैल तक जयपुर में हुई थी। अर्जुन अवॉर्ड के अलावा ध्यानचंद खेल पुरस्कार, भीम अवॉर्ड और कोलकाता श्री अवॉर्ड पाने वाले प्रशांत ने 2006, 2010 व 2014 एशियन गेम्स में पदक जीते थे। कोलकाता के रहने वाले और हरियाणा खेल विभाग में कार्यरत प्रशांत 2016 रियो पैरा ओलंपिक में तैराकी टीम के कोच थे।

पीसीआइ के सचिव गुरुशरण सिंह ने कहा कि हमने पिछले साल घटना के बाद ही सचिन मलिक और कविंदर सिंह चौधरी वाली जांच समिति का गठन किया था जिसने महिला तैराकों के माता-पिता की शिकायत को सही पाते हुए प्रशांत पर कार्रवाई की है। 2010 पैरा कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पदक दिलाने वाले प्रशांत ने इसे अपने खिलाफ साजिश बताया है। जांच समिति ने प्रशांत के नियोक्ता हरियाणा खेल विभाग को भी कार्रवाई करने के लिए लिखा है।

जांच समिति की रिपोर्ट में ये लिखा गया है

पीसीआइ की जांच समिति की रिपोर्ट में लिखा है कि प्रतियोगिता के दौरान प्रशांत ने अपने सहयोगी को महिला तैराकों का वीडियो बनाने को कहा है। जब तैराकों के माता-पिता ने शिकायत की तो पैरा तैराकी के अध्यक्ष वीके डबास को बुलाया गया। वीडियो बना रहे व्यक्ति ने कहा कि मैं प्रशांत के कहने पर ऐसा कर रहा था। इसके बाद उसने ऐसा करना बंद कर लिया लेकिन इसके बाद प्रशांत ने खुद ट्राईपॉड लगाकर वीडियो बनाना शुरू कर दिया जिसकी फिर से शिकायत हुई। 

प्रशांत ने जांच समिति की रिपोर्ट को नकारा

प्रशांत ने पीसीआइ की जांच समिति के फैसले को नकारते हुए कहा कि जो वीडियो बना रहे थे वह एक तैराक के पिता थे। उन्होंने अपनी बेटी का वीडियो रिकॉर्ड किया। मेरे ऊपर लगाए आरोप साजिशन और बेबुनियाद हैं। मैंने जांच समिति के सामने भी सभी आरोपों को नकारा था। उन्होंने कहा कि मैं अपने अर्जुन अवॉर्ड को लेकर पीसीआइ के भ्रष्टाचार के खिलाफ जल्द ही जंतर-मंतर में बैठूंगा। मैं अपने वकील से सलाह ले रहा हूं और जरूरत पड़ने पर अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकता हूं। केंद्र की मोदी सरकार को पीसीआइ में फैले भ्रष्टाचार की सीबीआइ से जांच कराकर पैरा एथलीटों को न्याय दिलाना चाहिए।

क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

अन्य खेलों की खबरों के लिए यहां क्लिक करें         

chat bot
आपका साथी