पैरा लिफ्टर अखिलेश की नौकरी पर लटकी तलवार, खेल विभाग ने अभी तक नहीं दिया है सर्टिफिकेट

पैरा लिफ्टर अखिलेश की नौकरी पर तलवार लटकी हुई है क्योंकि उनसे ग्रेडेशन सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है जो कि उनके पास नहीं है।

By Vikash GaurEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 08:12 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 08:12 AM (IST)
पैरा लिफ्टर अखिलेश की नौकरी पर लटकी तलवार, खेल विभाग ने अभी तक नहीं दिया है सर्टिफिकेट
पैरा लिफ्टर अखिलेश की नौकरी पर लटकी तलवार, खेल विभाग ने अभी तक नहीं दिया है सर्टिफिकेट

गुरुग्राम, अनिल भारद्वाज। वर्ष 2015 में जब हरियाणा प्रदेश की नई खेल नीति बनी तो ऐसा लगा कि अब खिलाड़ियों की राह की सभी रुकावटें खत्म हो जाएंगी। नीति के प्रभावी होने के दौरान यह भी दावा किया गया कि किसी खिलाड़ी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और उनको उनकी काबलियत के अनुसार नौकरी मिलेगी। हालांकि, मौजूदा समय के हालात कुछ और बयां कर रहे हैं।

वर्तमान में आलम यह है कि किसी को उनका इनाम नहीं मिल रहा है तो किसी को नौकरी नहीं मिल रही है। यहां तक कि ग्रेडेशन सर्टिफिकेट भी उन्हें नहीं दिया जा रहा है। खिलाड़ियों की परेशानियां कम होने की बजाय यह लगातार और बढ़ती ही जा रही हैं। कुछ ऐसा ही हो रहा है पैरा पावर लिफ्टर अखिलेश कुमार के साथ, जिन्हें अपनी मेहनत से नौकरी तो मिल गई, मगर अब उसी नौकरी पर तलवार लटक गई है।

पैरा पावर लिफ्टर अखिलेश को राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने का पुरस्कार तो मिला, लेकिन उनकी खेल स्पर्धा को खेल नीति में शामिल ही नहीं किया गया। पदक जीतने के कारण दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) में उन्हें ग्रुप सी की नौकरी मिल गई। अब उनसे डीएचबीवीएन द्वारा ग्रेडेशन सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है, जो उनके पास नहीं है। खेल विभाग अखिलेश को ग्रेडेशन सर्टिफिकेट नहीं दे रहा है।

अब स्थिति ऐसी हो गई है कि यदि उन्होंने डीएचबीवीएन में ग्रेडेशन सर्टिफिकेट जमा नहीं कराया तो उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। दिव्यांग अखिलेश के लिए मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। उन्हें मिली हुई नौकरी अपने हाथ से फिसलती दिख रही है। नौकरी बचाने के लिए अखिलेश चंडीगढ़ जाकर उच्च अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला।

वर्ष 2016 में अखिलेश के साथ प्रदेश भर के पैरा खिलाड़ियों ने कड़ाके की सर्दी में अंबाला में तत्कालीन खेल मंत्री अनिल विज के घर के सामने दिन-रात धरना भी दिया था। उस समय इन खिलाड़ियों से वादा किया गया था कि खेल नीति में उनके खेल को स्थान दिया जाएगा और सभी को इनाम मिलेगा। खिलाड़ियों को इनाम तो मिल गया, लेकिन उनकी खेल स्पर्धा को खेल नीति में शामिल नहीं किया गया।

इस मामले को लेकर पैरा लिफ्टर अखिलेश कुमार ने कहा है, "पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया की अध्यक्ष दीपा मलिक ने प्रदेश के खेल मंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें पैरा पावर लिफ्टिंग खेल स्पर्धा को खेल नीति में शामिल करने की मांग की गई है। मैं भी खेल मंत्री संदीप सिंह से मुलाकात कर उन्हें अपनी व्यथा से अवगत करा चुका हूं।"

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