विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप: भारतीय खिलाडि़यों से ज्यादा उम्मीद नहीं, नीरज व हिमा नहीं ले रहे हिस्सा

भारत विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपने दो सबसे बड़े स्टार खिलाडि़यों चोटिल नीरज चोपड़ा और हिमा दास के बिना उतरेगा।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Thu, 26 Sep 2019 09:29 PM (IST) Updated:Thu, 26 Sep 2019 09:29 PM (IST)
विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप: भारतीय खिलाडि़यों से ज्यादा उम्मीद नहीं, नीरज व हिमा नहीं ले रहे हिस्सा
विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप: भारतीय खिलाडि़यों से ज्यादा उम्मीद नहीं, नीरज व हिमा नहीं ले रहे हिस्सा

दोहा, प्रेट्र। भारत शुक्रवार से शुरू हो रही विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपने दो सबसे बड़े स्टार खिलाडि़यों चोटिल नीरज चोपड़ा और हिमा दास के बिना उतरेगा। ऐसे में पदक की उम्मीद तो दूर किसी खिलाड़ी का फाइनल में जगह बनाना भी बड़ी उपलब्धि होगी। दिग्गज भाला फेंक एथलीट नीरज छह अक्टूबर तक होने वाली इस प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। मई में कोहनी के ऑपरेशन के बाद वह अभी हल्की ट्रेनिंग कर रहे हैं।

एक अन्य दावेदार हिमा ने यूरोप में लगभग चार महीने ट्रेनिंग की और इस दौरान कुछ छोटे स्तर की रेस भी जीतीं, लेकिन शुरुआती टीम में जगह बनाने के बाद वह कमर की चोट के कारण प्रतियोगिता से हट गई। हिमा के चोट के प्रबंधन के लिए भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआइ) को काफी आलोचना का सामना भी करना पड़ा था।

विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करने वाले नीरज अगर फिट होते तो भारत को उनसे पदक की उम्मीद होती। हिमा पिछले दो महीने में अपनी पसंदीदा स्पर्धा 400 मीटर में 50.79 सेकेंड (पिछले साल एशियन गेम्स में) के अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तक भी नहीं पहुंच सकीं, जिससे उनसे पदक की उम्मीद नहीं थी।

एएफआइ को हालांकि चार गुणा 400 मीटर की तीन रिले टीमों, विशेषकर मिक्स्ड चार गुणा 400 मीटर रिले टीम से उम्मीद है। मिक्स्ड चार गुणा 400 मीटर रिले स्पर्धा को पहली बार विश्व चैंपियनशिप में जगह मिली है। हालांकि, पदक की उम्मीद करना बेमानी होगा और अंजू बॉबी जॉर्ज का 2003 विश्व चैंपियनशिप में लंबी कूद में जीता गया कांस्य पदक एकमात्र सफलता बना हुआ है। लंदन में 2017 में पिछली प्रतियोगिता में सिर्फ एक भारतीय फाइनल (पुरुष भाला फेंक में देविंदर सिंह कंग) में जगह बनाने में सफल रहा था, जबकि पैदल चाल और मैराथन धावकों ने निराश किया था।

भारत की 27 सदस्यीय टीम में से 13 खिलाडि़यों को रिले स्पर्धाओं के लिए चुना गया है। धारुन अय्यासामी हालांकि व्यक्तिगत 400 मीटर बाधा दौड़ में भी चुनौती पेश करेंगे। विश्व चैंपियनशिप का क्वालीफाइंग स्तर हासिल करने के बावजूद राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारी मुहम्मद अनस को व्यक्तिगत 400 मीटर स्पर्धा में नहीं उतारा जाएगा, जिससे कि पुरुष चार गुणा 400 मीटर रिले टीम के फाइनल में जगह बनाने की संभावनाओं में इजाफा किया जा सके।

सभी रिले स्पर्धाओं में शीर्ष आठ पर रहने वाली टीमें 2020 टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगी और भारत की नजरें संभवत: इसी पर टिकी होंगी। महिला चार गुणा 400 मीटर और मिक्स्ड चार गुणा 400 मीटर रिले से हिमा के हटने के बावजूद उप मुख्य राष्ट्रीय कोच राधाकृष्णन नायर का मानना है कि देश मिक्स्ड चार गुणा 400 मीटर रिले के फाइनल में जगह बना सकता है। नायर ने कहा, 'हिमा के हटने से अधिक अंतर पैदा नहीं होगा। हमें सकारात्मक रहना होगा और मुझे अब भी लगता है कि हम मिक्स्ड चार गुणा 400 मीटर रिले के फाइनल में जगह बना सकते हैं।'

अन्य खिलाडि़यों में लंबी कूद के युवा खिलाड़ी एम श्रीशंकर, धावक जिंसन जॉनसन और गोला फेंक के तेजिंदर पाल सिंह तूर को अगर फाइनल में जगह बनानी है तो अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से बेहतर करना होगा। प्रतियोगिता के पहले दिन शुक्रवार को श्रीशंकर पुरुष लंबी कूद के क्वालीफिकेशन राउंड में भारत के अभियान की शुरुआत करेंगे। स्वत: क्वालीफिकेशन स्तर 8.15 मीटर रखा गया है, लेकिन इससे कम दूरी तय करने वाले खिलाड़ी भी तब तक फाइनल में जगह बना सकते हैं जब तक 12 फाइनलिस्ट नहीं मिल जाते।

केरल के 20 साल के श्रीशंकर का मौजूदा वर्ष में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 8.00 मीटर का है और क्वालीफिकेशन दौर में वह इस प्रदर्शन से 27 खिलाडि़यों में 26वें स्थान पर हैं। धारुन और एमपी जबीर पुरुष 400 मीटर बाधा दौड़ की हीट्स में हिस्सा लेंगे। सत्र के सर्वश्रेष्ठ 48.80 सेकेंड के प्रदर्शन के साथ धारुन के पांचवीं हीट से सेमीफाइनल में जगह बनाने की संभावना जबीर से बेहतर है, जो पहली हीट में हिस्सा लेंगे। प्रत्येक पांच हीट में शीर्ष पर रहने वाले चार धावकों के बाद सबसे तेज समय निकालने वाले चार धावकों को सेमीफाइनल में जगह मिलेगी।

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