राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों पर भी पड़ा कोविड 19 महामारी का असर, नहीं शुरू हुई प्रक्रिया

Covid 19 महामारी की वजह से राष्ट्रीय खेल पुरस्कार के लिए नामांकन नहीं मांगे गए।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Sun, 26 Apr 2020 08:20 PM (IST) Updated:Sun, 26 Apr 2020 08:20 PM (IST)
राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों पर भी पड़ा कोविड 19 महामारी का असर, नहीं शुरू हुई प्रक्रिया
राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों पर भी पड़ा कोविड 19 महामारी का असर, नहीं शुरू हुई प्रक्रिया

नई दिल्ली, जेएनएन। कोविड-19 से निपटने के लिए लगे देशव्यापी लॉकडाउन से इस साल के राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों को चुनने की प्रक्रिया में भी देरी हो गई है और खेल मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि अगले महीने आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।

मंत्रालय आमतौर पर अप्रैल में पुरस्कारों के लिए नामांकन मांगता है जबकि इन्हें प्रदान करने का समारोह 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर होता है। लेकिन इस साल महामारी के चलते यह प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है। खेल मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, 'मंत्रालय ने अभी तक राष्ट्रीय खेल पुरस्कार आवेदनों के लिए नोटिस जारी नहीं किया गया है।

आम तौर पर यह प्रक्रिया अप्रैल के महीने तक पूरी हो जानी चाहिए लेकिन इस साल हालात ही इस तरह के हैं। लेकिन उम्मीद है कि नोटिस मई में जारी किया जाएगा।' कोविड-19 महामारी के चलते देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सभी खेल गतिविधियां लगभग बंद हो रखी है।

अधिकारी ने कहा, 'पिछले एक महीने से देश में सरकारी और राष्ट्रीय खेल महासंघ के कार्यालय घर से ही काम कर रहे हैं इसलिए देरी तो होनी ही थी।' राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों में राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार शामिल हैं जिन्हें हर साल राष्ट्रपति भवन में देश के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है।

जुलानिया की जगह रवि मित्तल बने खेल सचिव

रवि मित्तल को राधेश्याम जुलानिया की जगह रविवार को खेल और युवा मामलों के मंत्रालय का नया सचिव नियुक्त किया गया। मित्तल बिहार कैडर से 1986 बैच के आइएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी हैं। वह इस नियुक्ति से पहले सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव थे। जुलानिया पिछले साल फरवरी में इस पद पर नियुक्त हुए थे। एक साल से कुछ अधिक समय के उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के तहत लाना था।

पदभार संभालने के बाद से ही हालांकि जुलानिया का राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) और भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) से टकराव होता रहा था। पिछली बार यह टकराव लगभग 10 दिन पहले हुआ था जब आइओए ने आरोप लगाया था कि खेल मंत्रालय के अधिकारी उनके कामकाज और स्वायत्ता में हस्तक्षेप कर रहे हैं। पता चला है कि 1985 बैच के अधिकारी जुलानिया अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश वापस जाएंगे।

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