किसने कहा, ये हिमा दास की नहीं बल्कि भारत के हर एथलीट की जीत है?
मिल्खा सिंह ने कहा कि हिमा की उपलब्धि एतिहासिक है और वह सीनियर लेवर पर और निखर के प्रदर्शन करेंगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत के महान एथलिट मिल्खा सिंह ने कहा कि हिमा दास का गोल्ड जीतना केवल उनकी जीत नहीं बल्कि सभी एथलीट की है। दरअसल असम की हिमा ने आइएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप की महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है। ऐसा करने वाली वह भारत की पहली महिला एथलीट बन गई है।
हिमा की इस उपबल्धि के बाद 1958 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की तरफ से गोल्ड जीतने वाले पहले एथलिट मिल्खा सिंह काफी खुश हैं। मिल्खा सिंह ने कहा कि हिमा की उपलब्धि एतिहासिक है और वह सीनियर लेवर पर और निखर के प्रदर्शन करेंगी।
फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा ने कहा कि ये ना केवल हिमा की जीत है बल्कि भारत के हर एथलिट की जीत है। हिमा ने जो किया है उस पर पूरे देश को गर्व है। केवल 18 साल की उम्र में ये कारमाना करना सच में कमाल की बात है और अब वह टोक्यो में होने वाले 2020 ओलंपिक में आत्मविश्वास के साथ दौड़ पाएगी।
इसी के साथ मिल्खा सिंह ने कहा कि अगर हिमा को सही मार्गदर्शन और सुविधा मिले तो वह ओलंपिक पदक जीतने में सफल हो सकती है। हिमा को भी इसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी क्योंकि ओलंपिक पर इससे ज्यादा चुनौती मिलेगी।
2016 के आइएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप में पानीपत के एथलिट नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था। इससे पहले साल 2002 में सीमा पूनिया ने डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक जीता था। नवजीत ढिल्लो ने भी साल 2014 में डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक जीता था।
आपको बता दें कि आईएएफ वल्र्ड अंडर-20 चैम्पियनशिप की महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में हिमा ने स्वर्ण जीत कर इतिहास रचा। हिमा ने राटिना स्टेडियम में खेले गए फाइनल में 51.46 सेकंड का समय निकालते हुए जीत हासिल की थी।
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