बाज नहीं आ रहा चीन, अब किया ऐसा काम कि...

101 साल की मन कौर देश की सबसे उम्र दराज एथलीट हैं। अचंभे की बात यह है कि उन्होंने इस उम्र में 100 मीटर रेस में गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया है।

By Pradeep SehgalEdited By: Publish:Wed, 27 Sep 2017 12:54 PM (IST) Updated:Wed, 27 Sep 2017 05:17 PM (IST)
बाज नहीं आ रहा चीन, अब किया ऐसा काम कि...
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नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। जिस उम्र में लोगों के लिए चलना फिरना तक मुश्किल हो जाता है उस उम्र में न सिर्फ दौड़ना बल्कि ढेरों मेडल अपने नाम करने का जज्बा 101 साल की मन कौर को दुनिया में बाकी लोगों से जुदा बनाता है। मन कौर भारत की सबसे उम्रदराज एथलीट हैं और उन्होंने चीन में होने वाली एशियन मास्टर ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए अप्लाई किया था, लेकिन अब चाइना ने उन्हें वीजा देने से इंकार कर दिया है। चीन के इस फैसले के बाद 101 साल की मन कौर का कहना है कि उन्हें ऐसा लग रहा है, जैसे चीन उनका मेडल छीन रहा है। उन्होंने कहा, 'जब मेरा वीजा रिजेक्ट कर दिया गया, तो मुझे बहुत बुरा लगा, लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी। अपनी ट्रेनिंग जारी रखूंगी और आगे होने वाली दूसरी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लूंगी।'

आपको बता दें कि इससे पहले भी चीन कई भारतीय नागरिकों और एथलीट के वीजा पर आपत्ति जता चुका है। हालांकि, तब वे एथलीट या नागरिक अरुणाचल प्रदेश के होते थे और चीन उन्हें नत्थी वीजा जारी करता आया है। पिछले कुछ दिनों में चीनी सेना ने डोकलाम में डेरा डालकर भारतीय सैनिकों के साथ महीनों लंबा विवाद खड़ा कर दिया था। अब चीन ने बुजुर्ग एथलीट के वीजा में रोड़े अटकाकर भारतीय और दुनिया भर के खेल प्रेमियों को दूसरा झटका दिया है, जबकि मन कौर अरुणाचल प्रदेश से भी नहीं हैं, जिसपर चीन अपना हक जताता रहा है। खेलों को दुनिया भर में शांति और अमन फैलाने का साधन और खिलाड़ियों को सद्भावना दूत माना जाता है। ऐसे में मन कौर के वीजा पर रोड़े अटकाना बेवजह परेशान करने की कार्रवाई नजर आता है। 

इसलिए नहीं मिला वीजा

मन कौर के 79 वर्षीय बेटे गुरदेव सिंह ने कहा कि चीनी दूतावास ने उनके वीजा को यह कहते हुए नकार दिया कि उनके पास आयोजकों का निजी निमंत्रण नहीं है। इस प्रतिस्पर्धा में गुरदे भी लंबी कूद, 100 और 200 मीटर दौड़ में भाग लेने वाले थे। गुरदेव ने कहा कि इस प्रतियोगिता के बाद उन्हें कनाडा और अमेरिका के दौरे पर जाना था, लेकिन चीन दौरा रद होने से उन्हें कनाडा और अमेरिका के लिए नए सिरे से हवाई टिकट लेना होगा। उन्होंने बताया कि कनाडा में मन कौर को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। उनका नामांकन लॉरियस वर्ल्ड बेस्ट स्पोर्टिंग मोमेंट ऑफ द ईयर 2017' अवॉर्ड के लिए भी हुआ है।

इस तरह सुर्खियों में आई मन कौर

101 साल की मनकौर चंडीगढ़ में रहती हैं और वो सुर्खियों में तब आईं थी, जब उन्होंने ऑकलैंड (न्यूजीलैंड) में आयोजित वर्ल्ड मास्टर गेम्स में 100 मीटर में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। कौर ने इस रेस को 1 मिनट 14 सेकंड में पूरा किया था और खास बात यह है कि अपनी उम्र वर्ग में वह अकेली उम्मीदवार थी, जिन्होंने इस रेस में भाग लिया था।

दौड़ के साथ बाकी खेलों में भी आजमाती हैं हाथ

कनाडा में रहने वाले मन कौर के 79 साल के बेटे गुरदेव सिंह ने कहा, 'उनकी मां को पहले दौड़ने का कोई अनुभव नहीं था। लेकिन 8 साल पहले उन्होंने इन खेलों को लेकर ट्रेनिंग शुरू की’। इसके बाद वो रोज ट्रेनिंग के लिए जाने लगीं और फिर उन्होंने इतिहास रच दिया। आपको बता दें कि मन कौर ने 8 साल पहले 93 साल की उम्र में एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया था। इसके बाद से उन्होंने 100 मी, 200 मी, शॉट पुट और भाला फेंक प्रतियोगिताओं में कई मेडल अपने नाम किए। वह बुजुर्गों के एथलेटिक्स में हिस्सा लेती हैं।

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