ताजा करें बचपन के किस्से, बच्चों को भी सिखाएं चोर, सिपाही, राजा, मंत्री वाला खेल

हम बात कर रहे हैं एक ऐसे खेल की जिसे सुनते ही बचपन की सारी कहानी आंखों के आगे घूमने लगती है। चोर सिपाही राजा और मंत्री का खेल।

By Viplove KumarEdited By: Publish:Thu, 16 Apr 2020 01:11 PM (IST) Updated:Thu, 16 Apr 2020 01:11 PM (IST)
ताजा करें बचपन के किस्से, बच्चों को भी सिखाएं चोर, सिपाही, राजा, मंत्री वाला खेल
ताजा करें बचपन के किस्से, बच्चों को भी सिखाएं चोर, सिपाही, राजा, मंत्री वाला खेल

नई दिल्ली, जेएनएन। गर्मी की छुट्टियों के दिन याद है आपको जब दोपहर में जल्दी जल्दी सारे काम निपटाकर भाई बहनों के साथ मस्ती करने जुटती थी टोली। कागज की पर्ची बनाई एक खाली पन्ना और कलम उठाकर शुरू हो गई धमा चौकड़ी। हम बात कर रहे हैं एक ऐसे खेल की जिसे सुनते ही बचपन की सारी कहानी आंखों के आगे घूमने लगती है। चोर, सिपाही, राजा और मंत्री का खेल।

लॉकडाउन में घर पर बैठे बैठे इससे रोचक खेल शायद ही हो सकता है। महज चार कागज की पर्ची में इतना रोमांच छुपा होता है। इसमें भाग्य वाला राजा बनता है तो चीटिंग करने वाले भी कई बार 1000 नंबर ले आते हैं। चोर, सिपाही, राजा और मंत्री का खेल होता बड़ा मजेदार है। चलिए आपको बताते हैं कैसे घर बैठे आप भी अपने बच्चों को इस खेल का चस्का लगा सकते हैं।

खेल के नियम

चोर, सिपाही, राजा और मंत्री का खेल चार लोगों के बीच खेला जाता है। इसमें चार कागज की छोटी छोटी पर्ची बनाई जाती है। चारों पर्चियों पर अलग अलग चोर, सिपाही, राजा और मंत्री लिखा जाता है। सबसे ज्यादा 1000 अंक राजा के पास होते हैं। मंत्री के 800 जबकि सिपाही को पास 500 अंक होते हैं। वहीं चोर को मिलता है अंडा यानी शून्य।

चारों पर्चियों को हवा में उछाला जाता है और सभी खिलाड़ी एक एक पर्ची उठाते हैं। जिसके हिस्से में जो पर्ती आती है वो उसे अपने पास रखता है। मंत्री की पर्ची जिसके हाथ में होती है वो आदेश देता है सिपाही सिपाही चोर को पकड़ो। अब सिपाही की पर्ची लाने वाले को यह तय करना होता है कि चोर कौन है। उसे राजा और चोर के बीच में किसी एक को अंदाजा लगाकर बताना होता है चोर कौन है।

चोर की चतुराई से पुलिस खा जाता है चकमा

पुलिस का अंदाजा सही निकला और उसने बचा दिया कि चोर कौन है तो ठीक और जो उसने राजा को गलती से चोर बता दिया तो फिर इस गलती के लिए उसे चोर के साथ अपनी पर्ची बदलनी पड़ती है। मतलब चोर जिसे शून्य मिला था उसके पास हो जाते हैं 500 और सिपाही को मिल जाता है शून्य। कई बार चोर पर्ची देखने के बाद ऐसे चेहरा बनाता है जिससे पुलिस को राजा और चोर के बीच पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि असली चोर है कौन। 

कैसे होता विजेता का फैसला

पर्ची को उछालने का सिलसिला 10 या 15 बार तक चलता है। हर खिलाड़ी के नाम के खाने बनाए जाते हैं। हर बार चोर का फैसला होने के बाद सभी खिलाड़ियों के हाथ में आई पर्ची के नंबर उसके नाम के आगे लिखे जाते हैं। जैसे जिसको राजा की पर्ची मिली उसके नाम के साथ 1000 अंक और इसी तरह से चोर, सिपाही और मंत्री के अंक। आखिरी में सभी के अंक जोड़े जाते हैं। जिसके पास सबसे ज्यादा अंक होते हैं वो विजेता होता है।  

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