एशियन कुश्ती चैंपियनशिप: दिव्या काकरन ने सभी पहलवानों को चित करके जीता गोल्ड मेडल

दिव्या काकरन एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला पहलवान बन गईं।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 06:39 PM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 06:39 PM (IST)
एशियन कुश्ती चैंपियनशिप: दिव्या काकरन ने सभी पहलवानों को चित करके जीता गोल्ड मेडल
एशियन कुश्ती चैंपियनशिप: दिव्या काकरन ने सभी पहलवानों को चित करके जीता गोल्ड मेडल

नई दिल्ली, जेएनएन। दिव्या काकरन एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला पहलवान बन गईं। उन्होंने अपने सारे मुकाबले प्रतिद्वंद्वियों को चित्त करके जीते, जिसमें जापान की जूनियर विश्व चैंपियन नरूहा मातसुयुकी को हराना भी शामिल रहा।

दिव्या ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पांच पहलवानों के 68 किग्रा में अपने सभी चार मुकाबले जीते जो राउंड रॉबिन प्रारूप में खेले गए। नवजोत कौर इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं, जिन्होंने 2018 में किर्गिस्तान के बिशकेक में 65 किग्रा का खिताब जीता था।

मेजबानों के लिए गुरुवार का दिन यादगार रहा, जिसमें सरिता मोर (59 किग्रा), पिंकी (55 किग्रा) और निर्मला देवी (50 किग्रा) ने अपने-अपने वगरें के फाइनल में पहुंचकर कम से कम रजत पदक पक्का कर दिया। चीन के पहलवानों की अनुपस्थिति में और जापान के अपने सर्वश्रेष्ठ पहलवानों को नहीं भेजने से चुनौती थोड़ी कमजोर पड़ गई थी।

एशियन गेम्स की कांस्य पदक विजेता दिव्या ने 68 किग्रा में पहले कजाखिस्तान की एलबिना कैरजेलिनोवा को पस्त किया और फिर मंगोलिया की डेलगेरमा एंखसाइखान को पराजित किया। मंगोलियाई पहलवान के खिलाफ उनका डिफेंस कुछ कमजोर दिखा, लेकिन वह अपनी प्रतिद्वंद्वी को हराने में सफल रहीं। तीसरे दौर में दिव्या का सामना उज्बेकिस्तान की एजोडा एसबर्जेनोवा से था और उन्होंने 4-0 की बढ़त बनाने के बाद अपनी प्रतिद्वंद्वी को महज 27 सेकेंड में मात दी। जापान की जूनियर विश्व चैंपियन के खिलाफ दिव्या ने 4-0 की बढ़त हासिल कर ली। जापानी पहलवान ने दूसरे राउंड में मजबूत शुरुआत की और भारतीय पहलवान के बायें पैर पर हमला किया, लेकिन उन्होंने अंक दायें पैर पर आक्रमण से जुटाए, जिससे स्कोर 4-4 हो गया। दिव्या ने हालांकि फिर प्रतिद्वंद्वी को चित्त कर दिया।

सरिता 2017 में 58 किग्रा में रजत पदक जीतने के बाद अपनी पहली एशियाई प्रतियोगिता में भाग ले रही हैं। उन्होंने कजाखिस्तान की मदीना बाकबेरजेनोवा और किर्गिस्तान की नाजिरा मार्सबेकिजी के खिलाफ अपने पहले दो मुकाबले तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हासिल किए। इसके बाद उन्होंने जापान की युमी कोन पर 10-3 से जीत हासिल की। वह अब फाइनल में मंगोलिया की बातसेतेग अटलांटसेतसेग के सामने होंगी।

निर्मला देवी भी 50 किग्रा में स्वर्ण पदक की दौड़ में बनी हुई हैं। उन्होंने मंगोलिया की मुंखनार बाईयांबासुरेन को 6-4 और उज्बेकिस्तान की दौलेतबाइक याखशिमुरातोवा पर तकनीकी श्रेष्ठता से जीत हासिल की। अब वह जापान की मिहो इगाराशी से भिड़ेंगी। पिंकी ने भी 57 किग्रा के फाइनल में प्रवेश कर लिया। उन्होंने उज्बेकिस्तान की शोकिदा अखमेदोवा को चित्त करके शुरुआत की और फिर अगले मुकाबले में जापान की काना हिगाशिकावा को पराजित किया। इसके बाद उन्होंने सेमीफाइनल में मारिना जुयेवा को 6-0 से हराया। वह मंगोलिया की डुलगुन बोलोरमा से भिड़ेंगी। किरण 76 किग्रा में पदक की दौड़ से बाहर हो गईं।

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