टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल करने के लिए पसीना बहा रहे हैं बॉक्सर मनीष कौशिक

इस मुक्केबाज का सफर उतार-चढ़ाव भरा भी रहा है। ओलंपिक क्वालीफाई के फाइनल मुकाबले में उनकी बायीं बाजू में चोट लग गई। मुंबई में आपरेशन करवाना पड़ा। इसके बाद आर्मी स्पो‌र्ट्स इंस्टीट्यूट में अपने कोच जयसिंह पाटिल के सानिध्य में तैयारी की।

By Sanjay SavernEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 07:16 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 09:20 AM (IST)
टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल करने के लिए पसीना बहा रहे हैं बॉक्सर मनीष कौशिक
भारतीय पुरुष मुक्केबाज मनीष कौशिक (एपी फोटो)

सुरेश मेहरा, भिवानी। टोक्यो ओलंपिक का टिकट हासिल करने के बाद भारतीय मुक्केबाज मनीष कौशिक के इरादे बुलंद हैं। बुलंद इसलिए भी है कि जिस आस्ट्रेलियाई मुक्केबाज हेरीग्रेसाड ने गोल्ड कोस्ट कामनवेल्थ गेम्स 2018 में मनीष को हराकर स्वर्ण पर कब्जा किया था उसी को हराकर ओलंपिक टिकट पक्का किया। अब टोक्यो ओलंपिक में 63 किग्रा में मनीष गोल्डन पंच लगा कर देश और दुनिया के खेल प्रेमियों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।

मनीष कौशिक का कहना है कि फिलहाल वह पटियाला कैंप में अभ्यास कर रहे हैं। दुबई एशियन चैंपियनशिप के लिए मुक्केबाजी टीम जैसे ही पटियाला पहुंची, वह भी पुणे स्पो‌र्ट्स इंस्टीट्यूट से यहां पर आ गए हैं। अब यहां पर दूसरे साथी खिलाडि़यों के साथ सुबह शाम दो-दो घंटे मुक्केबाजी की बारीकियां सीख रहे हैं। अपनी कमजोरियों को दूर करने और दूसरे की कमजोरियों का फायदा उठाने की टिप्स ले रहे हैं। फिलहाल उनका टारगेट टोक्यो ओलंपिक में गोल्डन पंच है। इसके लिए नवीनतम तकनीक के साथ तैयारी की जा रही है। यहां अभ्यास कर रहे मुक्केबाज कौशिक पूरी ऊर्जा से लबरेज होकर अभ्यास कर रहे हैं। मनीष और उनके कोच लगातार प्रतिद्वंद्वी खिलाडि़यों के खेल कमजोरियों पर नजर बनाए हुए हैं। मनीष प्रतिद्वंद्वी पर कैसे भारी पड़े, इसके लिए मनीष को प्रशिक्षण के दौरान नए-नए टिप्स भी दे रहे हैं।

उतार चढ़ाव भरा रहा है सफर

इस मुक्केबाज का सफर उतार-चढ़ाव भरा भी रहा है। ओलंपिक क्वालीफाई के फाइनल मुकाबले में उनकी बायीं बाजू में चोट लग गई। मुंबई में आपरेशन करवाना पड़ा। इसके बाद आर्मी स्पो‌र्ट्स इंस्टीट्यूट में अपने कोच जयसिंह पाटिल के सानिध्य में तैयारी की। मार्च 2021 में उतरे और स्पेन में हुए बाक्सम इंटरनेशनल में गोल्ड मेडलिस्ट बने। ओलंपिक से पहले मनीष के पास दुबई एशियन चैंपियनशिप में एक बार और खुद को परखने का मौका था लेकिन, चयन के समय कोरोना पाजिटिव आ गए और वह प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सके।

मनीष की उपलब्धियां :

- 2008 में मनीष ने मुक्केबाजी का सफर शुरू किया। 

- 2009 में केओ नेशनल कप ठाणे में 32 किलो में पहला गोल्ड जीता। 

- वर्ष 2015 में पहली बार सीनियर नेशनल बाक्सिंग में रजत पदक जीता। 

- 2016 में सेना में नायब सूबेदार के पद पर भर्ती हुए। 

- 2018 में आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलो में रजत जीता। 

- 2019 में नेपाल में हुए साउथ एशियन गेम्स में रजत और इसी साल विश्व मुक्केबाजी में कांस्य जीता। 

- 2020 में शानदार खेल उपलब्धियों के लिए अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया।

- 2020 में ओलंपिक क्वालीफाई मुकाबलों में टोक्यो ओलंपिक के लिए कोटा हासिल किया। 

- 2021 में स्पेन में हुए बाक्सम इंटरनेशनल में गोल्ड जीता। 

chat bot
आपका साथी