अजा-अजजा वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को मिलेगी निश्शुल्क कोचिंग

सुंदरगढ़ जिले के छह खदान प्रभावित प्रखंडों में रहने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को राष्ट्र स्तरीय शिक्षा की कोचिंग निश्शुल्क में प्रदान की जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Mar 2021 07:36 AM (IST) Updated:Sun, 28 Mar 2021 07:36 AM (IST)
अजा-अजजा वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को मिलेगी निश्शुल्क कोचिंग
अजा-अजजा वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को मिलेगी निश्शुल्क कोचिंग

जागरण संवाददाता, राउरकेला : सुंदरगढ़ जिले के छह खदान प्रभावित प्रखंडों में रहने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को राष्ट्र स्तरीय शिक्षा की कोचिंग निश्शुल्क में प्रदान की जाएगी। इस कोचिंग के जरिये मेडिकल, इंजीनियरिग, कानून, आर्किटेक, एनडीए आदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी छात्र-छात्रा कर सकेंगे। इसके लिए सुदंरगढ़ और राउरकेला में दो जगहों पर कोचिग सेंटर खुलने जा रहा है। इसके संचालन के लिए संस्था को चुनने के लिए जिला प्रशासन की ओर से निविदा प्रक्रिया शुरू की गई है। जिलापाल निखिल पवन कल्याण के प्रयास से उक्त कोचिग सेंटर खुलने जा रहा है। वेतन समझौते पर श्रमिक संगठनों में पहले तालमेल बने : सेल अधीनस्थ इस्पात संयंत्रों के श्रमिकों के वेतन समझौते की अवधि पूरी होने के बाद 1 जनवरी 2017 से नया वेतन समझौता लागू होना चाहिए पर चार साल बाद भी संभव नहीं हो पाया। प्रबंधन की ओर से संयंत्र को क्षति बताकर इसे लगातार टाला जा रहा है। एनजेसीएस सदस्य संगठनों के बीच वेतन की मांग पर तालमेल नहीं होने के कारण अंतिम निर्णय नहीं होने की बात स्टील इंप्लाइज एसोसिएशन, राउरकेला की ओर से कही गई है।

सियर के महासचिव बीएन दास ने मीडिया को बताया कि नया वेतन समझौता 1 जनवरी 2020 से लागू करने एवं बकाया भुगतान 2020 से करने, एमजीबी 9 फीसद एवं 10 वर्षीय वेतन समझौता स्वीकार्य नहीं है। एनजेसीएस सदस्य श्रमिक संगठन कभी पांच वर्षीय तो कभी दस वर्षीय वेतन समझौता की बात कर रहे हैं। एमजीबी को लेकर भी तालमेल होना चाहिए। इसके अलावा डिप्लोमा व आइटीआइ योग्यता वाले कर्मचारियों को एस-6 से एस-3 एवं एस-3 से एस-1 ग्रेड देना उचित नहीं है। डिप्लोमा व आइटीआइ को एस-6 एवं एस-3 ग्रेड दिया जाना चाहिए। सियर की ओर से अनुकंपा नियुक्ति की व्यवस्था में भी बदलाव की जरूरत है। काम के दौरान किसी भी परिस्थिति में श्रमिक एवं कर्मचारी की मौत होती है तो आश्रित को स्थायी नौकरी मिलनी चाहिए। सियर की ओर से एनजेसीएस की बैठक शीघ्र बुलाकर वेतन समझौता शीघ्र करने की मांग की गई है। सियर कार्यकर्ता संतोष नायक, सिवेन्दु दास, हेमंत बेहरा, संतोष सोरेन, स्मृति चौधरी, प्रशांत दास, लिपि घोष, लिजा महाराणा, ईश्वर भंज, सुकांत स्वाईं, बासू बनर्जी आदि लोगों ने मीडिया को विभिन्न जानकारियां दी।

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