कोविड केयर सेंटर के लिए सांसद का जताया आभार

कोरोना महामारी से त्रस्त शहर की जनता के लिए खुला कोविड केयर सेंटर राहत देने का कार्य कर रहा है। पिछले काफी दिनों से इसकी मांग की जा रही थी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 07:14 AM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 07:14 AM (IST)
कोविड केयर सेंटर के लिए सांसद का जताया आभार
कोविड केयर सेंटर के लिए सांसद का जताया आभार

संसू, राजगांगपुर : कोरोना महामारी से त्रस्त शहर की जनता के लिए खुला कोविड केयर सेंटर राहत देने का कार्य कर रहा है। पिछले काफी दिनों से इसकी मांग की जा रही थी। खासकर आसपास के गरीब और जिनके यहां घर में क्वारंटाइन रहने की सुविधा नही है उनके लिए यह सेंटर वरदान साबित हो रहा है। वहीं, प्राथमिक अवस्था में ही संक्रमित मरीजों को उचित चिकित्सा सेवा मिल पा रही है। शहर में कोरोना संक्रमण के मामलों में बेतहाशा वृद्धि सहित दर्जनों लोगों की जान जाने की स्थिति के बाद शहर भर में भय का वातावरण बन गया था। मरीजों के इलाज के लिए राउरकेला या सुंदरगढ़ जाना पड़ रहा था। इस विषम परिस्थिति में सांसद जुएल ओराम ने जिलापाल के साथ बैठक कर राजगांगपुर में कोविड केयर सेंटर की स्थापना के लिए पहल की। साथ ही डालमिया भारत सीमेंट से भी सहयोग करने का अनुरोध किया। उनके प्रयास से शहर के बगीचापाड़ा स्थित केंद्रीय विद्यालय में 60 बेड विशिष्ट अस्थाई कोरोना सेंटर का निर्माण किया गया है, जहां आक्सीजन से लेकर सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसे लेकर शहर वासियों ने सांसद जुएल ओराम को धन्यवाद दिया है। वहीं, भाजपा राज्य कार्यकारिणी सदस्य नरसिंह मिज सहित नगर अध्यक्ष शंकर सिंह ने भाजपा परिवार के तरफ से सांसद का आभार व्यक्त किया। कोरोना से जिंदगी की जंग हार गए मनोज शर्मा : नगर स्थित वार्ड नंबर 16 के मधुसूदन कालोनी निवासी मनोज शर्मा (50) दो सप्ताह तक कोरोना से जूझने के बाद अंतत: जिंदगी की जंग हार गए। बुधवार को जेपी अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। उनके निधन का समाचार मिलते ही नगर में शोक की लहर दौड़ गई। दो सप्ताह पहले मनोज की अचानक तबीयत बिगड़ने पर उनका कोविड टेस्ट कराया गया था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद परिवार के लोगों ने उन्हें सुंदरगढ़ एनटीपीसी कोविड अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उनकी हालत में सुधार नहीं होने पर जेपी अस्पताल रेफर किया गया था। यहां बुधवार की रात को उनका निधन हो गया।

उल्लेखनीय है कि शहर स्थित हरी मशीन में कार्यरत रहे मनोज शर्मा कारखाना बंद होने के बाद भी वे काफी दिनों तक पुन: इसे चालू कराने एवं अपने साथ-साथ सभी कर्मियों का बकाया वेतन दिलाने के लिए निरंतर लड़ते रहे। उनके प्रयास के कारण सभी कर्मियों का बकाया वेतन कंपनी को देना पड़ा था। हालंाकि हरी मशीन बंद होने के बाद मनोज शर्मा एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में काम कर रहे थे।

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