धान बेचने पर संगठन व किसानों में ठनी

संबलपुर जिले के बामड़ा ब्लाक के गो¨वदपुर लैंप्स के छह धान मंडी में किस

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Dec 2018 11:40 PM (IST) Updated:Sat, 22 Dec 2018 11:40 PM (IST)
धान बेचने पर संगठन व किसानों में ठनी
धान बेचने पर संगठन व किसानों में ठनी

संवाद सूत्र, बामड़ा: संबलपुर जिले के बामड़ा ब्लाक के गो¨वदपुर लैंप्स के छह धान मंडी में किसान संगठन व किसानों में विवाद के कारण धान बेचने व खरीदने का काम खटाई में पड़ गया है। इस विवाद के कारण यहां पर तीन दिसंबर से धान की मंडी खुलने के बाद गो¨वदपुर, कुटारीमाल, बाउंसलगा, उचकापाट, रंगियाटिकरा धान मंडी में धान की खरीदी शुरू नहीं हो पाई है।

राज्य सरकार ने किसानों को एक एकड़ में 13 ¨क्वटल धान बेचने को मंजूरी दी गई है। लेकिन अंचल में सूखा की हालत देखते हुए स्थानीय किसान संगठन ने किसानों को एक एकड़ में 3 ¨क्वटल धान बेचने का फरमान जारी करने से किसान संगठन और किसानों में धान बेचने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। शुक्रवार को बाउंसलगा धान मंडी में चार किसान प्राय: 900 ¨क्वटल धान दो ट्रक में लादकर बेचने लाए थे। किसान संगठन के नेताओं ने एकड़ प्रति तीन ¨क्वटल धान बेचने को दबाव डालने पर वहां किसान संगठन के नेताओं और किसानों में घमासान मच गया था। चारों किसानों ने कु¨चडा उप जिलापाल विश्वरंजन नायक व बामड़ा तहसीलदार अनिल कुलु से गुहार लगाई। कु¨चडा से एसीएसओ और ब्लॉक मार्के¨टग इंस्पेक्टर भी धानमंडी पहुंच दोनों पक्षों से बातचीत की। लेकिन कोई नतीजा नही निकला। मामले को लेकर किसानों में तनाव का माहौल है। किसान संगठन के योगबिहारी परिडा का कहना है बामड़ा अंचल में सूखा के चलते धान की उपज कम हुई है। सरकार के द्वारा निर्धारित 13 ¨क्वटल के मानक से धान के व्यापारी और दलाल अन्य जिलों से धान लाकर बेचने की फिराक में हैं जिससे अंचल के किसानों को सरकारी सहायता और इंश्योरेंस से भी हाथ धोना पड़ेगा। वहीं अंचल के किसान दशरथ खंडेलवाल का कहना है जो बड़े किसान हैं और जिनकी आवक अच्छी है वह किसान किसान संगठन द्वारा तय तीन ¨क्वटल मानक से अपनी बाकी बची धान बेच नहीं पाएगा और दोहरी मार झेलना पड़ेगा। वहीं कुछ किसानों ने किसान संगठन और किसान आपस में बातचीत कर मसला जल्दी सुलझाने को कहा है। प्रशासन और आरएमसी के अधिकारी मूक दशर्क बने हुए हैं।

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