स्मार्ट सिटी से शुरू की जाए प्रीपेड इलेक्ट्रिक मीटर व्यवस्था

बिजली की चोरी रोकने समेत बिजली आपूर्ति और राजस्व वसूली के लिए सरकार द्वारा संबलपुर मे प्रीपेड स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटर व्यवस्था शुरु किये जाने के निर्णय का चौतरफा विरोध शुरु हो गया है ।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Aug 2019 10:04 PM (IST) Updated:Thu, 29 Aug 2019 06:46 AM (IST)
स्मार्ट सिटी से शुरू की जाए प्रीपेड इलेक्ट्रिक मीटर व्यवस्था
स्मार्ट सिटी से शुरू की जाए प्रीपेड इलेक्ट्रिक मीटर व्यवस्था

संसू, संबलपुर : बिजली की चोरी रोकने समेत बिजली आपूर्ति और राजस्व वसूली के लिए सरकार द्वारा संबलपुर में प्रयोग के तौर पर प्रीपेड स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटर व्यवस्था शुरू किए जाने के निर्णय का चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। कई संस्थाओं ने इसे संबलपुर के प्रति अपमान तक बता रहे हैं। वहीं संबलपुर विद्युत उपभोक्ता मंच ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजने समेत उनसे यह व्यवस्था ओडिशा की स्मार्ट सिटी से आरंभ करने का परामर्श दिया है।

बुधवार को मंच के अध्यक्ष व पूर्व सांसद भवानी शंकर होता और आवाहक मो. सनाउल्ला के नेतृत्व में सदस्यों ने जिलाधीश कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया है कि बिजली की चोरी रोकने के इरादे से सरकार संबलपुर से प्रीपेड स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटर की व्यवस्था शुरू करने का एकतरफा निर्णय लिया है। इस बारे में स्थानीय लोगों से किसी तरह की चर्चा करना सरकार ने उचित नहीं समझा। इस व्यवस्था को शुरू करने से पहले सरकार को इसके विभिन्न पहलुओं पर विचार करने की जरूरत है। मंच ने स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था स्मार्ट सिटी से शुरू होनी चाहिए। ऐसा करने के बजाय सरकार संबलपुर से यह व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया है जो गलत है। विद्युतापूर्ति के क्षेत्र में सुधार लाने की खातिर वर्षों पहले इसका निजीकरण किया गया था। इसका कोई लाभ नहीं हुआ बल्कि पहले से अधिक नुकसान हुआ। सुधार के नाम पर मैनुअल मीटर के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक्स मीटर लगाये गए। लेकिन इससे भी बिजली चोरी और राजस्व वसूली में कोई खास फर्क नहीं पड़ा। अब बगैर सोचे विचारे स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटर लगाने से भी हालात नहीं सुधरेगा। सरकार ने बिजली आपूर्ति में हो रहे नुकसान को लेकर कभी कोई जांच या सोशल ऑडिट नहीं कराया। निजी कंपनियों को हो रहे नुकसान का ऑडिट भी नहीं कराया। अगर पहले ऐसा किया जाता तो हालात ऐसे नहीं होते। मंच ने स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटर व्यवस्था शुरू करने से पहले नुकसान के सही कारण का पता लगाने, इसके लिए सोशल ऑडिट कराने और विशेषज्ञों को लेकर ग्रुप बनाए जाने पर जोर दिया है। प्रतिनिधिमंडल में गोकुल मेहेर, वेणुधर दास, जितेंद्र मोहन पाणि समेत अन्य उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी