बिहार के घायल प्रवासी मजदूर की स्वयंसेवी ने की सहायता

देश में लॉकडाउन के चलते यातायात में पाबंदी के कारण प्रवासी मजदूरों को ढेरों दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बिहार बक्सर जिला नावानगर थाना ओरामगढ़ के राम कुमार(40) और आरा जिले जगदीशपुर थाना कोकिला गांव के गोलक राम (50) अपने गांव जाने के लिए पैदल ही संबलपुर से निकल पड़े है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 May 2020 06:16 PM (IST) Updated:Fri, 22 May 2020 06:20 AM (IST)
बिहार के घायल प्रवासी मजदूर की स्वयंसेवी ने की सहायता
बिहार के घायल प्रवासी मजदूर की स्वयंसेवी ने की सहायता

संवाद सूत्र, बामड़ा : देश में लॉकडाउन के चलते यातायात में पाबंदी के कारण प्रवासी मजदूरों को ढेरों दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बिहार बक्सर जिला नावानगर थाना ओरामगढ़ के राम कुमार(40) और आरा जिले जगदीशपुर थाना कोकिला गांव के गोलक राम (50) अपने गांव जाने के लिए पैदल ही संबलपुर से निकल पड़े है। यह दोनों मजदूर भूषण स्टील एंड पावर फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। उन्होंने घर लौटने की मंशा ठेकेदार को बताई थी, लेकिन ठेकेदार ने मजदूरों के लौटने को मना करने पर ठेकेदार से छिपकर गांव के लिए चल पड़े। दीवार फांदने से गोलक की कमर में और राम कुमार के पैर में चोट आई थी। वहां से ये लोग लंगड़ाते हुए 60 किमी दूर जाममाल चौक पहुंचे। जहां पर इन प्रवासियों को लंगड़ाते देख चौक में कियोस्क की दुकान चलाने वाले छबील बुदला की नजर इन मजदूरों पर पड़ी। दोनों मजदूरों के पास फूटी कौड़ी भी नही थी और दोनों का भूख से हालात खराब था। लेकिन गांव लौटने के जुनून ने इन लोगों की भूख प्यास और दर्द को पीछे छोड़ दिया था। छबील ने दोनों मजदूरों को खाना खिलाया, दवाई पानी की व्यवस्था किया। रात को दुकान के बरामदे में सोने का इंतेजाम किया। सुबह लाईकेरा यूजीबी बैंक के प्रबंधक महेश कुमार सा और गायत्री सा की मदद से एक ऑटो भाड़ा कर दोनों मजदूरों को बामड़ा लेकर आए और गोविदपुर थाने के जिम्मे सौंपा। गोबिदपुर थाने के इंस्पेक्टर प्रताप राणा ने दोनों प्रवासियों को एक दो दिनों में ट्रेन या ट्रक से बिहार भेजने का भरोसा दिया है।

chat bot
आपका साथी