चांदीपोष में छापे, नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम

डीआइजी ने इन नक्सलियों के सुंदरगढ़, देवगढ़ तथा संबलपुर ( एसडीएस) डिवीजन के नक्सली ग्रुप से संबंध होने की आशंका जताई है।

By BabitaEdited By: Publish:Sat, 14 Jul 2018 02:41 PM (IST) Updated:Sat, 14 Jul 2018 02:41 PM (IST)
चांदीपोष में छापे, नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम
चांदीपोष में छापे, नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम

राउरकेला, जेएनएन। राउरकेला पुलिस ने चांदीपोष के रिजर्व जंगल में छापेमारी कर नक्सलियों के बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। साथ ही नक्सलियों द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जंगल में छुपा कर रखे बम,तार समेत नक्सली वर्दी, नक्सली साहित्य व अन्य कई किताबें बरामद की है।

एसपी कार्यालय परिसर में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में पश्चिमांचल डीआइजी कविता जालान ने बताया कि चांदीपोष थाना अंतर्गत चंपाझरन रिजर्व जंगल में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए दो दर्जन से अधिक नक्सली जमा होने की सूचना राउरकेला जिला एसपी डा. उमाशंकर दास को गुरुवार की रात मिली थी। सूचना पाते ही एसपी के अगुवाई में डीवीएफ, एसओजी तथा सीआरपीएफ 19 बटालियन के अल्फा-19 कंपनी के जवानों ने संयुक्त रूप से आधी रात को वहां छापेमारी की। छापेमारी की भनक लगते ही जंगल में उपस्थित नक्सली वहां से भाग निकले।

डीआइजी ने इन नक्सलियों के सुंदरगढ़, देवगढ़ तथा संबलपुर ( एसडीएस) डिवीजन के नक्सली ग्रुप से संबंध होने की आशंका जताई है। इसके अलावा ओडिशा, झारखंड , छत्तीसगढ़ के नक्सलियों सहित शीर्ष नक्सली नेता अनमोल के भी यहां होने की आशंका भी उन्होंने जाहिर की। उन्होंने बताया कि उक्त अंचल में काबिंग जारी है। पत्रकार वार्ता में डीआइजी सहित एसपी डॉ उमा शंकर दास, सीआरपीएफ 19 बटालियन के कमांडेंट एसपी उपाध्याय, डिप्टी कमांडेंट करनौल सिंह तथा अतिरिक्त एसपी पीके महापात्र उपस्थित थे।

स्टील कंटेनर व बम बरामद

इस छापेमारी में यहां से एक स्टील कंटेनर, चार छोटा केन बम, 21 बंडल कोडेक्स वायर, दो बंडल लूज बिजली तार, एक व्हीसील कोड, एक जोड़ी नक्सली वर्दी, एक नक्सली वैग ( पिठ्ठू), एक तिरपाल, नक्सली साहित्य, कॉपी, कोलगेट मंजन, साबुन आदि सामग्री बरामद हुआ। इसके अलावा यहां से कंप्यूटर सीखने वाली किताब, नागपुरी भाषा व्याकरण एंव साहित्य, हो भाषा साहित्य एंव व्याकरण, मुंडारी भाषा व्याकरण एवं साहित्य, आधुनिक हिंदी व्याकरण एवं रचना, नागपुरी भाषा व्याकरण एवं साहित्य, मेक इन इंडिया- एक धोखा

शीर्षक पर्चा, माक्र्सवादी परिचयमाला एंव पूंजीवादी- जनवादी सहित अन्य किताबों के साथ कॉपियां भी मिली है।

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