नकली आधार संख्या के जरिए राशन की लूट

नकली कार्ड के बाद आपूर्ति विभाग में एक और घोटाला सामने आया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 09:30 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 09:30 PM (IST)
नकली आधार संख्या के जरिए राशन की लूट
नकली आधार संख्या के जरिए राशन की लूट

जागरण संवाददाता, राउरकेला : नकली कार्ड के बाद आपूर्ति विभाग में एक और घोटाला सामने आया है। फर्जी आधार नंबर की मदद से दर्जनों टन चावल और गेहूं का उठाव किया जा रहा है। यह सब खेल मलिन बस्तियों में रहने वाले लाभुकों के कार्ड में चल रहा है। जिन लाभार्थियों के कार्ड में दो सदस्य हैं, उनके कार्ड में चार और फर्जी लोगों के नाम जोड़ दिए गए। लेकिन इन सभी फर्जी लोगों के नाम असली कार्ड पर नहीं है। आपूर्ति विभाग के कुछ अधिकारी, जो पकड़े नहीं जाने के डर से, इन सभी फर्जी लोगों के नाम कंप्यूटर में जोड़ दिए है और राशन दुकानदार मासिक रूप से चावल, गेहूं और केरोसिन उठा रहे हैं।

चावल और गेहूं, जो नकली लोगों के नाम पर मासिक उठाया जा रहा है उसे राशन दुकानदार और आपूर्ति विभाग के अधिकारियों मिलकर हड़प रहे है। कुछ महिला स्वयं सहायता समूह और कुछ राशन दुकानदार ऐसी अवैध गतिविधि में शामिल हैं। पांच सौ और एक हजार कार्डों वाले एसएसजी और राशन की दुकानें इस तरह के जालसाजी में जुटे है। जाली कार्ड के जरिए पहले इस तरह का कारोबार चल रहा था। राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) के अधीन 168 एसएसजी व कंट्रोल की दुकानें हैं। इसमें से लगभग 20 फीसद में यह धंधा चलने का आरोप लग रहा है। लगभग 5000 नकली लोगों के नाम पर प्रति माह लगभग 250 विवंटल चावल और गेहूं उठाया जाता है। इसके बावत 5 लाख रुपये संबंधित एसएसजी, कंट्रोल दुकानदार और आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की जेब में जा रहा है। एक सहायक आपूर्ति अधिकारी, दो विपणन निरीक्षक इस पूर्व जारी राशन कार्ड घोटाले में फंसने के बाद उन्हें राउरकेला से स्थानांतरित करना पड़ा। लेकिन इस खेल के मुख्य लोगों तक कार्रवाई की तलवार नहीं पहुंचने के कारण यह गोरखधंधा बदस्तूर जारी है।

हर ब्लाक में धोखाधड़ी : न केवल राउरकेला शहर बल्कि सुंदरगढ़ जिले के हर ब्लॉक में इसी तरह की धोखाधड़ी हो रही है। हाल ही में, आपूर्ति विभाग ने सेक्टर -5 में एक राशन दुकान पर छापा मारकर चावल और गेहूं को जब्त किया था। कार्रवाई के तौर पर अतिरिक्त जिलापाल से राशन दुकानदार का लाइसेंस रद करने का निवेदन किया गया था। लेकिन वर्तमान फिर से उक्त राशन दुकानदार लाइसेंस दिए जाने की तैयारी चल रही है। यही नहीं, राशन दुकानदारों के लाइसेंस के नवीकरण के लिए भी लूट हो रही है। विभागीय अधिकारी इसके लिए पैसे ले रहे। जो नवीकरण के लिए पैसे देने को तैयार नहीं है उन्हें परेशान किया जा रहा है।

कोरोना काल में सामने आया मामला : विशेष रूप से महामारी कोरोना के दौरान आपूर्ति विभाग में सालों से चल रहे महा घोटाले को सामने ला दिया है। लाभार्थियों को महामारी के दौरान 1,000 रुपये प्रति कार्ड की वित्तीय सहायता मिली। इस बावत सुंदरगढ़ जिले को सूची के अनुसार कुल 43 करोड़ रुपये, 97 लाख, 19 हजार 700 रुपये प्राप्त हुए। इसमें से 43 करोड़ 20 लाख 16 हजार रुपये वितरित किया गया। शेष 77 लाख 3 हजार 694 रुपये बिना वितरण के लौटा दिए गए। दूसरे शब्दों में, जिले में 7,700 कार्ड नहीं होने के कारण पैसा वापस कर दिया गया। जिससे यह साफ हो गया कि 7,700 कार्ड जाली है। इन जाली कार्डों के माध्यम से राशन दुकानदार, आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को एक या दो साल से नहीं बल्कि 2016 से वर्तमान तक, यानी पांच साल से चावल, गेहूं और केरोसिन तेल जैसे राहत सामान का घोटाला कर रहे हैं। यदि प्रति कार्ड 3 से अधिक सदस्य हैं, तो 7,700 कार्ड पर सदस्यों की कुल संख्या 25,000 है। प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो गेहूं उपलब्ध कराया जाता है। 25,000 सदस्यों के लिए प्रति माह कुल 125,000 किलो गेहूं उठाया जाता है। पांच साल या 60 महीने में 75 लाख किलो या 7,500 टन गेहूं व चावल का उठाव किया गया है। बाजार में 20 रुपये प्रति किलो की लागत से इसे बेच कर कुल 15 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है। केवल गेहूं ही नहीं, बल्कि चावल और केरोसिन तेल की भी इसी तरह लूट की गई है। केरोसिन, गेहूं और चावल से कुल 25 करोड़ रुपये से अधिक का गबन किया गया। इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग हो रही है। बोले आपूर्ति पदाधिकारी

राशन कार्ड में फर्जी तरीके से नाम चढ़ाने व राशन सामग्री लेने की संभावना कम है। 237 कार्ड को छोड़ कर अधिकतर को आधार से लिक किया गया है एवं हर तरह से छानबीन की गई है। गड़बड़ी से संबंधित शिकायतें मिली हैं जिसकी जांच की जा रही है।

-श्रीनिवास साहू, सहायक आपूर्ति अधिकारी, राउरकेला।

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