आरएसपी ऑक्सीजन प्लांट की निष्क्रिय संपत्ति का उपयोग
राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के ऑक्सीजन प्लांट के कर्मीसमूह ने निष्क्रिय पड़ी संपत्ति का उपयोग किया है जिससे लगभग 16 लाख रुपये नकद बचत हुई है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के ऑक्सीजन प्लांट के कर्मीसमूह ने निष्क्रिय पड़ी संपत्ति का उपयोग किया है जिससे लगभग 16 लाख रुपये नकद बचत हुई है। यूनिट-2 में 700 टन प्रतिदिन ऑक्सीजन प्लांट, एएसयू -3 के कमीशन के बाद यूनिट-1 से ऑक्सीजन का उत्पादन 2010 में बंद कर दिया गया था। यूनिट के कोल्ड बॉक्स यूनिट को बेकार संपत्ति के रूप में लिख कर बेच दिया गया। हालांकि एक क्षतिग्रस्त पीएन 2 बूस्टर कॉलम, जिसका वजन लगभग 2.5 टन था उसका निस्तारण नहीं किया गया। क्योंकि यह संपूर्ण एएसयू का हिस्सा नहीं था। चूंकि स्टील मेल्टिग शॉप- 2 विशेष स्टील बनाने के लिए तांबे का उपयोग करता है। इसलिए विभाग को बूस्टर कॉलम के तांबे का उपभोग करने के लिए संपर्क किया गया। हालांकि भारी बूस्टर कॉलम को सीधे इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है और तांबे के काटने के लिए विशेष उपकरणों की आवश्यकता होती है जो इन-हाउस में उपलब्ध नहीं थे। तांबे का स्क्रैप 600 मिलीमीटर एक्स 800 मिलीमीटर के आकार में प्रदान किया जाना था। लॉक डाउन अवधि में ऑक्सीजन प्लांट यूनिट-1 के कर्मचारियों की एक टीम ने निष्क्रिय पड़ी संपत्ति के लाभकारी उपयोग के काम को पूरा करने की चुनौती ली। ऑक्सीजन प्लांट के उप महा प्रबंधक यूके भुजबल के नेतृत्व में टीम ने मेसर्स नटराज ब्रदर्स की सहायता से दो दिनों के कम से कम समय में छोटे तांबे के टुकड़ों के बूस्टर कॉलम को काट दिया। कटिग और निपटान का कार्य सीआईएसएफ कर्मियों की मौजूदगी में जी शिफ्ट में किया गया। इस सामग्री से एसएमएस - 2 में कॉपर स्क्रैप की महत्वपूर्ण आवश्यकता पूरी हुई। साथ ही 16 लाख रुपये की बचत में मदद मिली। जो अन्यथा कंपनी द्वारा तांबा खरीदने के लिए खर्च की जाती।