अब अंतिम अरदास के बाद जरूरी नहीं लंगर

राउरकेला रेलवे स्टेशन के पास स्थित शहर के सबसे गुरुद्वारा के प्रबंधन कमेटी गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा ने समाज के गरीब तबके के लोगों को राहत देने के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब समाज के किसी व्यक्ति की मौत पर गुरुद्वारा या अपने घरों में अंतिम अरदसा या बहरीना अरदास के बाद समाज को लंगर देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Dec 2019 11:29 PM (IST) Updated:Wed, 04 Dec 2019 11:29 PM (IST)
अब अंतिम अरदास के बाद जरूरी नहीं लंगर
अब अंतिम अरदास के बाद जरूरी नहीं लंगर

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला रेलवे स्टेशन के पास स्थित शहर के सबसे गुरुद्वारा के प्रबंधन कमेटी गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा ने समाज के गरीब तबके के लोगों को राहत देने के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब समाज के किसी व्यक्ति की मौत पर गुरुद्वारा या अपने घरों में अंतिम अरदसा या बहरीना अरदास के बाद समाज को लंगर देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष निर्मल सिंह, सचिव बलदेव सिंह की मौजूदगी में मंगलवार की शाम को गुरुद्वारा में महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें समाज के हित के मद्देनजर कई प्रस्ताव पारित किए गए। समाज के किसी व्यक्ति की मौत होने पर गुरुद्वारा में अंतिम अरदास होता था तथा शोक संतप्त परिवार के लोगों को यहां लंगर देने की जरूरत पड़ती थी। गरीब तबके के लोग अपने सम्मान को देखते हुए किसी तरह पैसे का जुगाड़ कर लंगर में खर्च करते थे। ऐसे में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा ने किसी की मौत पर अंतिम अरदास के बाद लंगर देना अनिवार्य नहीं होगा। चाय बिस्कुट से भी काम चलाया जा सकता है। गुरुद्वारा कमेटी की ओर से बहरीना अरदास बंद करने का निर्णय लिया गया है। अंतिम अरसाद सुबह नौ से ग्यारह बजे तथा शाम को 3.30 से 5.30 बजे के बीच ही गुरुद्वारा या अपने घर में किया जा सकता है। श्री गुरु सिंह सभा के इस फैसले से गरीब तबके के सिख समाज के लोगों को बड़ी राहत मिली है।

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