स्मार्टसिटी राउरकेला के बस्तीवासियों को मिलेगा पक्का घर

स्मार्ट सिटी से बस्तियां हटेंगी। आवास योजना के तहत मिलेगा पक्का घर। 2016 से कुछ इसी तरह का सपना देखती आ रहे राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) पहले चरण में 500 घरों का निर्माण करने जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Dec 2020 09:38 PM (IST) Updated:Thu, 17 Dec 2020 09:38 PM (IST)
स्मार्टसिटी राउरकेला के बस्तीवासियों को मिलेगा पक्का घर
स्मार्टसिटी राउरकेला के बस्तीवासियों को मिलेगा पक्का घर

जागरण संवाददाता, राउरकेला : स्मार्ट सिटी से बस्तियां हटेंगी। आवास योजना के तहत मिलेगा पक्का घर। 2016 से कुछ इसी तरह का सपना देखती आ रहे राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) पहले चरण में 500 घरों का निर्माण करने जा रही है। दूसरे चरण में 10 एकड़ जमीन पर लगभग 1,500 घर बनाए जाएंगे। इन सभी आवासों को पीपीपी मोड में बनाया जाएगा।

छेंड कॉलोनी स्थित बीपीयूटी के पीछे 5.5 एकड़ जमीन पर 500 घरों का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यहां पर सिविल टाउनशिप की मनटोला बस्ती- ए व बी, पानपोष ब्राह्मणी क्लब के पास स्थित बंगला टोला और पानपोष के बस्ती के लोगों को मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। विडंबना यह है कि निर्माण कार्य जो देर से शुरू हुआ है वह कब पूरा होगा, इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है।

आरएमसी के अनुसार, एक निजी कंपनी ने कार्य का जिम्मा लिया है। शहर की लगभग सभी बस्तियों को चरणबद्ध रूप से ढहा दिया जाएगा। उन्हें किफायती आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। कुल 24,000 घरों के निर्माण की योजना है। इस बीच, कई जगहों पर बस्ती के लोगों के विरोध के कारण परियोजना कार्य रद कर दिया गया है। इसमे रेलवे कॉलोनी के पास मधुसूदनपल्ली और गोपबंधुपल्ली शामिल हैं। इस इलाके में लगभग 60 एकड़ सरकारी जमीन पर ये बस्तियां बसी है।

2017 में 36 एकड़ जमीन पर योजना को दिया जा चुका था मूर्तरूप : वर्ष 2017 में, 36 एकड़ जमीन पर आवास परियोजना को लेकर सभी प्रक्रिया पूरी हो गई थी। निर्माण स्थल को समतल किया गया था। हालांकि, निवासियों के कड़े विरोध के कारण, अंतिम समय में भवनों का निर्माण रद कर दिया गया था। दूसरे चरण में, धामरा संघ बस्ती के लगभग 10 एकड़ जमीन पर 1500 घर बन पाएंगे या नहीं, यह संदेह के घेरे में है।

इसके अलावा, आरएमसी का लक्ष्य रेलवे लाइन के किनारे की झोपड़ियों को ध्वस्त कर वहां पर भी पक्का घर बनाया जाएगा। वर्ष 2016 से अब तक अपनी जगह पर रहने वाले 897 बस्ती के लोगों को प्रधानमंत्री आवास प्रदान किया गया है। साल 2016 में 280, साल 2018 में 277 व 65 तथा साल 2019 में 53 व 351 गरीब परिवार को घर बनाने के लिए मदद दी गई थी। 2019 में 351 पीएम आवास की मंजूरी मिली थी, इसमें से 124 को विभिन्न कारणों से रद कर दिया गया है।

आरएमसी ने 24,000 घर बनाने का रखा है लक्ष्य : वर्ष 2016 के सर्वेक्षण के अनुसार, आरएमसी का लक्ष्य शहर में लगभग 24,000 झुग्गियों में रहने वाले लोगों को आवास प्रदान करना है। धामरा संघ बस्ती के पास और 10 एकड़ जमीन पर 1,500 से अधिक घर बनाए जाएंगे। इसके अलावा, राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) तरकेरा के पास 60 एकड़ भूमि उपलब्ध कराएगी।

इस संबंध में, आरएसपी ने पहले ही आरएमसी को हरी झंडी दे दी है। उक्त स्थान पर लगभग 10,000 से 15,000 बस्ती के लोगों को घर उपलब्ध कराया जाएगा। विशेष रूप से, आरएसपी के तहत आने वाली बस्ती के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि किन झुग्गियों को ध्वस्त किया जाएगा, इसे लेकर कोई भी निर्णय नहीं किया गया है। मकान बन जाने के बाद, मलिन बस्तियों को चरणों में गिराने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, आरएमसी क्षेत्र की कुछ झुग्गी के निवासियों को भी स्थानांतरित करने की योजना है। आरएमसी का कहना है कि जैसे ही राज्य सरकार इसे मंजूरी देगी, काम शुरू हो जाएगा। उधर, मधुसूदनपल्ली जैसी समस्याएं यहां होंगी या नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है।

कुछ शर्तों को पूरा करने पर ही मिलेगा घर : चिन्हित किए गए बस्ती के लोगों के लिए कुछ शर्तें हैं। घर का कब्जा लेने से पहले तीसरे पक्ष के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। एक परिवार को 450 वर्ग फीट के घर के लिए 150,000 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा। केंद्र सरकार 150,000 रुपये का भुगतान करेगी और शेष 150,000 निजी निर्माण कंपनियों द्वारा वहन किया जाएगा। जैसा कि निजी निर्माण कंपनी प्रति घर 150,000 रुपये प्रदान करती है, उसे सरकारी नियमों के अनुसार निर्माणाधीन जगह पर 40 फीसद भूमि मुफ्त में दी जाएगी। आरएमसी ने कहा है कि एजेंसी उक्त 40 फीसद जगह पर अपार्टमेंट तैयार करेगी।

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