सरस्वती शिशु मंदिर में मनी नेताजी एवं वीर सुरेंद्र साय की जयंती

शहर के बी-सेक्टर स्थित सरस्वती शिशु विद्यामंदिर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस एवं वीर सुरेंद्र साय की जयंती रविवार को मनायी गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 08:17 AM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 08:17 AM (IST)
सरस्वती शिशु मंदिर में मनी नेताजी एवं वीर सुरेंद्र साय की जयंती
सरस्वती शिशु मंदिर में मनी नेताजी एवं वीर सुरेंद्र साय की जयंती

संसू, बंडामुंड़ा : शहर के बी-सेक्टर स्थित सरस्वती शिशु विद्यामंदिर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस एवं वीर सुरेंद्र साय की जयंती रविवार को मनायी गई। अश्वनी पांडे मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित होकर अपना योगदान किया। प्राचार्य गिरिधारी दलेई की अगुवाई में छात्र-छात्राओं ने दोनों महापुरुषों के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। कोविड प्रोटोकाल के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में स्कूल के पूर्व छात्र भी शामिल हुए। कार्यक्रम के आयोजन में छात्र प्रमुख रूमा डे एवं शिक्षिका नेत्रमनी राउल सहित अन्य ने सहयोग किया। संबलपुर जिला में नक्सली हिंसा के 19 वर्ष : आज से ठीक उन्नीस वर्ष पहले, संबलपुर जिला में पहली बार नक्सली हिसा की वारदात के बाद जिला के रेढाखोल उपसंभाग के विभिन्न इलाकों में नक्सलियों के घुसपैठ के बारे में पुलिस और लोगों को पता चला था। नक्सलियों ने 23 जनवरी 2003 की सुबह, जिला के जुजुमुरा थाना अंतर्गत मेघपाल गांव में पूर्व सरपंच व टांपरगढ़ के जमीनदार परिवार के सदस्य कादर सिंह की सरेआम हत्या कर दी थी। कादर सिंह की इस निर्मम हत्याकांड के बाद इलाके में नक्सलियों की घुसपैठ और उनके समर्थकों के बारे में पता चला था।

इस नक्सली हिसा के बाद संबलपुर जिला के विभिन्न थाना इलाकों में नक्सली हिसा शुरू हो गई। नक्सलियों का एक कैडर सदस्य संबलपुर शहर में आकर रहने लगा था। पुलिस और सुरक्षा बल की सहायता से जिला में नक्सलियों का दमन किया गया। इस दौरान दर्जन भर से अधिक नक्सलियों ने हिसा का मार्ग छोड़कर आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल भी हुए। यही वजह है कि बीते करीब सात वर्षों के दौरान जिला में एक भी नक्सली वारदात नहीं हुई है, लेकिन सरकार की ओर से एहतियात के तौर पर जुजुमुरा और संबलपुर में सीआरपीएफ को तैनात रखा गया है।

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