दिलीप राय के अगले कदम को लेकर बढ़ी उत्सुकता

Odisha: MLA Dilip Rai resign.भाजपा विधायक दिलीप राय विधानसभा की सदस्यता व भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद सीधा एयरपोर्ट के लिए निकल गए ।

By BabitaEdited By: Publish:Sat, 01 Dec 2018 09:47 AM (IST) Updated:Sat, 01 Dec 2018 09:47 AM (IST)
दिलीप राय के अगले कदम को लेकर बढ़ी उत्सुकता
दिलीप राय के अगले कदम को लेकर बढ़ी उत्सुकता

राउरकेला, जेएनएन। राउरकेला से भाजपा विधायक दिलीप राय ने शुक्रवार को अंतत: विधानसभा की सदस्यता व भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे ही दिया। भुवनेश्वर में विधानसभा अध्यक्ष प्रदीप अमात से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा और बगैर मीडिया से बात किए सीधे एयरपोर्ट के लिए निकल गए। समझा जा रहा है वह विदेश यात्रा पर चले गए हैं। 2019 के महासमर से पूर्व इसे एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम माना जा रहा है। दिलीप राय ने अपने इस्तीफे पर कहा कि राउरकेला में द्वितीय ब्राह्मणी ब्रिज व इस्पात जनरल अस्पताल को मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित करने की दो प्रमुख मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने यह कदम उठाया है।

पिछले दो साल से विधायक दिलीप राय व भाजपा आलाकमान के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। 2014 के चुनाव से पूर्व प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी तथा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राउरकेला आकर इन दोनों मांगों को पूरा करने का वादा किया था। लेकिन पांच साल बीतने के बावजूद अपेक्षाकृत काम नहीं होने की वजह से दिलीप राय नाराज चल रहे थे। उन्होंने समय-समय पर अपने बयानों से इसे जाहिर भी कर दिया था।

जनता को जवाब देने में हो रही परेशानी

दिलीप राय राउरकेला में अलग-अलग जगहों पर यह बयान दे चुके थे कि उन्हें शहर की जनता को जवाब देना मुश्किल हो रहा है। लोग इन दो विकास के परियोजनाओं पर उनसे सवाल पूछते हैं और उनके पास कहने को

कुछ नहीं बचता। यह आलम तब है जब प्रधानमंत्री खुद वादा कर चुके हैं। इसके बावजूद काम नहीं होने के कारण लोगों से नजरें बचाने का क्या फायदा। केंद्र की सरकार बने पांच साल होने को आए हैं। यह बड़ा वक्त होता है देखते ही देखते 2019 का चुनाव नजदीक आ चुका है। जनता के बीच जाने में परेशानी होगी। 


पाइपलाइन गैस परियोजना के उद्घाटन से भी रहे दूर

पिछले दिनों बिसरा मैदान में केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने पाइपलाइन से शहर में गैस की आपूर्ति की महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्घाटन किया था। इस समारोह में विधायक दिलीप राय को भी शामिल होने के लिए बुलाया गया। लेकिन वे नहीं आए थे। इसका कारण पूछने पर दिलीप राय ने कहा कि ब्राह्मणी ब्रिज व इस्पात जनरल अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने की दो परियोजनाओं पर घोषणा के बावजूद काम नहीं हुआ। इन दोनों मुद्दों पर पार्टी

तथा वे खुद बैकफुट पर हैं। ऐसे में यह नई परियोजना उनके लिए एक नई समस्या खड़ी कर देगी। विधायक न आगे कहा कि परियोजना के बारे में जब उन्होंने संबंधित अधिकारियों व मंत्री से बात की तो पता चला कि यह परियोजना पूरी होने में आठ साल का वक्त लगेगा। जिसे सुनकर उन्होंने यहां नहीं जाने का फैसला लिया। क्योंकि मौजूदा हालात में जब शहरवासियों की नाराजगी उन्हें झेलनी पड़ रही है तो वे इस तरह की कोई परियोजना का लालीपाप लोगों को नहीं दिखाना चाहेंगे जो तत्काल नजर नहीं आए। 

इस्तीफे में झलका दर्द, विकास का भी किया जिक्र

विधायक ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि इस्तीफे के कदम से वह दर्द महसूस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई व लंबित विकास परियोजनाओं का पूरे देश में क्रियान्वयन हुआ। राउरकेला को इससे उम्मीद जगी थी। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। सात बार मिलने के बावजूद दोनों प्रमुख मांग धरी रह गई। लगता है कोई ताकत है जो सुंदरगढ़ में भाजपा को मजबूत करने से रोक रही है। इसकी वजह मैं भी हो सकता हूं। अगर ऐसा है तो मैं किनारे होने को तैयार हूं ताकि विकास हो। राउरकेला हमेशा मेरे दिल के करीब रहा है। यहां के लोगों ने मुझे हमेशा प्यार दिया।

इसी कारण चुनावी राजनीति में लंबे अंतराल के बावजूद 2014 में चुनाव लड़ने पर लोगों ने मुझे जिताया। मेरे कार्यकाल में राउरकेला स्मार्ट सिटी बना, राउरकेला रेलवे स्टेशन में विकास के कार्य हुए, क्षेत्रिय पासपोर्ट कार्यालय, एक व्यावसायिक एयरपोर्ट जैसे काम हुए। जिसमें केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम की सराहनीय भूमिका रही। लेकिन जिन दो मुद्दों पर मैंने चुनाव जीता उसपर जनता को जवाब देने के लिए मेरे पास कुछ नहीं है। लिहाजा मेरे इस कदम का यह सही वक्त है।

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