एस्मा कानून में संशोधन श्रमिकों के अधिकारों का हनन : सीटू

राज्य सरकार की ओर से अत्यावश्यक सेवा कानून -1988 (एस्मा) में संशोधन किया गया है। सीटू की सुंदरगढ़ जिला कमेटी की ओर से इसका विरोध किया गया है एवं इसे श्रमिक विरोधी तथा उनके अधिकार को छीनने का प्रयास बताया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 05:59 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 05:59 AM (IST)
एस्मा कानून में संशोधन श्रमिकों के अधिकारों का हनन : सीटू
एस्मा कानून में संशोधन श्रमिकों के अधिकारों का हनन : सीटू

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राज्य सरकार की ओर से अत्यावश्यक सेवा कानून -1988 (एस्मा) में संशोधन किया गया है। सीटू की सुंदरगढ़ जिला कमेटी की ओर से इसका विरोध किया गया है एवं इसे श्रमिक विरोधी तथा उनके अधिकार को छीनने का प्रयास बताया गया है। सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विष्णु महांती ने कहा कि सरकार के नए कानून के अनुसार श्रमिक यदि हड़ताल करते हैं तो उन पर एस्मा कानून लगेगा एवं एक साल तक ही सजा व पांच हजार रुपये तक का जुर्माना होगा। नौकरी से निकालने जैसे कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए इस तरह का कानून बनाया गया है। इसके लिए सरकार की ओर से अत्यावश्यक सेवा कानून-2020 विधानसभा में लाया गया है। पानी, बिजली, खाद्य आपूर्ति, सुरक्षा का दायित्व संभालने वाले विभाग के श्रमिक अब हड़ताल नहीं कर पाएंगे। यदि वे कानून तोड़ते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। सरकार की ओर से कड़ा कानून बनाकर श्रमिकों के मौलिक अधिकारों का हनन करने का प्रयास किया जा रहा है, इसके खिलाफ आवाज उठाई जाएगी। सीटू के जिला उपाध्यक्ष लक्ष्मण मुंडा, महासचिव विमान माइती, प्रमोद सामल, जहांगीर अली, बसत नायक, राजकिशोर प्रधान ने बस स्टैंड में मीडिया से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी। लाठीकटा में खुला धान क्रय केंद्र लाठीकटा लैंपस परिसर में धान क्रय केंद्र खोला गया है। इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि पानपोष के उपजिलापाल दौलत चंद्राकर द्वारा किया गया। उन्होंने किसानों को धान की ठीक तरह से सफाई करने व सुखाने के बाद ही केंद्र लाने एवं उसकी गुणवत्ता की जांच कराने का आह्वान किया। बताया कि इस वर्ष धान का समर्थन मूल्य प्रति क्विटल 1868 रुपये निर्धारित किया गया है। एक किसान एक दिन में 100 कुंतल धान बेच सकेंगे। कार्यक्रम में पानपोष आरसीएमएस युगलकिशोर दास, देवेन्द्र अमात, एसइएसओ धर्मदेव दास, सुपरवाइजर मानस कुमार परीडा, लैंपस निदेशक अरुण साहू, संध्यारानी लकड़ा प्रमुख शामिल थे।

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