पुरी हिरासत मौत मामला: पुरी एसपी ने फिर से दाखिल किया हाईकोर्ट में हलफनामा

Puri death case पुरी एसपी डॉक्टर के.वी सिंह ने रमेश की मौत के आरोप को लेकर दायर जनहित मामले में एक हलफनामा दाखिल किया है। इस घटना को लेकर एनएचआरसी के पास भी कुछ व्यक्तियां ने आरोप लगाया है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Thu, 17 Dec 2020 08:37 AM (IST) Updated:Thu, 17 Dec 2020 08:37 AM (IST)
पुरी हिरासत मौत मामला: पुरी एसपी ने फिर से दाखिल किया हाईकोर्ट में हलफनामा
पुरी एसपी डॉक्टर के.वी सिंह ने हाईकोर्ट में फिर से हलफनामा दाखिल

कटक, जागरण संवाददाता। पुरी वासेली साही थाना हिरासत मौत मामले में पुरी एसपी डॉक्टर के.वी सिंह ने हाईकोर्ट में फिर से एक हलफनामा दाखिल किया है। रमेश की मौत के आरोप को लेकर दायर जनहित मामले में पुरी एसपी द्वारा दाखिल हलफनामे में यह जिक्र किया है कि इस घटना को लेकर राज्य मानव अधिकार आयोग यानी ओएचआरसी और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग यानी एनएचआरसी के पास भी कुछ व्यक्तियां ने आरोप लगाया है।

 एनएचआरसी एक मामला दर्ज कर पूर्व जोन स्पेशल अवसर प्राप्त आईएएस डॉ विनोद अग्रवाल को चार सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट दाखिल करने के लिए निर्देश जारी किये हैं। डॉ अग्रवाल घटना स्थल का मुआयना किया है और वह अपनी रिपोर्ट तैयार कर एनएचआरसी के समक्ष दाखिल करेंगे। एनएचआरसी नियम के तहत घटने की न्यायिक जांच के संबंध में पुरी जिला और दौरा जज के पास एसपी ने अर्जी दी थी। जिला जज पुरी जेएमएफसी को घटना की जांच कर रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने के लिए निर्देश दिया है। इसके साथ ही साथ एनएचआरसी नियम के तहत एचआरपीसी डीएसपी को भी घटने की जांच की जिम्मेदारी दी गई है। अभी इस घटना की तीन निष्पक्ष जांच जारी है। 

मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से पीड़ित के परिवार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 5 लाख रुपए की अंतरिम मुआवजा राशि मंजूर की गई है। मृतकों के अभिभावक पुलिस हिरासत में नहीं है। उनके प्रति किसी भी तरह की बदसलूकी नहीं की जा रही है ना ही उन्हें धमकाने की किसी भी तरह का आरोप है। पुरी एसपी के द्वारा दाखिल की जाने वाली इस हलफनामे को विचार के लिए लेते हुए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश जस्टिस विश्वनाथ रथ को लेकर गठित खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई को दिसंबर 22 तारीख तक टाल दिया है।

अगली सुनवाई के समय जांच प्रक्रिया कितनी आगे बढ़ी है उस संबंध में कोर्ट को अवगत कराने के लिए सरकार को निर्देश दिये गए हैं। दूसरी ओर इस घटना की जांच अदालत प्रत्यक्ष तौर पर करें यह प्रार्थना करते हुए हाईकोर्ट में और एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस मामले में राज्य प्रमुख शासन सचिव गृह सचिव, पुलिस डीजी, पूरी जिलाधीश, एसपी और बसेली साही थाना आईआईसी को पक्ष बनाया गया है।

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