अनुसूचित जाति के छात्रों के छात्रवृत्ति अनुदान में कटौती के खिलाफ सदन में हंगामा

Odisha assembly got disrupted for SC Student scholarship issue. अनुसूचित जाति वर्ग के छात्राें के छात्रवृत्ति अनुदान को लेकर विधानसभा में हंगामा।

By BabitaEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 02:55 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 02:55 PM (IST)
अनुसूचित जाति के छात्रों के छात्रवृत्ति अनुदान में कटौती के खिलाफ सदन में हंगामा
अनुसूचित जाति के छात्रों के छात्रवृत्ति अनुदान में कटौती के खिलाफ सदन में हंगामा

भुवनेश्वर, जेएनएन। अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र-छात्राओं के मेधावी छात्रवृत्ति अनुदान को केन्द्र सरकार द्वारा कम किए जाने एवं सचिवालय में सीबीआइ के प्रवेश करने को लेकर सोमवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सत्तापक्ष एवं विरोधी दल के सदस्यों ने इसे लेकर जमकर शोर शराबा किया, जिससे सदन की कार्यवाही नहीं चल सकी। लगातार हंगामा जारी रहने के चलते विधानसभा अध्यक्ष प्रदीप अमात ने सदन की कार्यवाही को अपराह्न 3 बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया। 

कार्यसूची के मुताबिक सोमवार को पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट पर सदन की कार्यवाही चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष प्रदीप अमात गृह में प्रवेश किए, मगर प्रश्नोत्तर कार्य शुरू होने से पहले ही शासक दल के विधायक महेश साहू ने एससी वर्ग के लिए राज्य को मिल रहे अनुदान को केन्द्र सरकार द्वारा कम करने के संदर्भ में एक पत्र दिखाया।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने राज्य के अनुसूचित जाति के लिए आ रहे अनुदान को कम कर दिया है। इससे पहले इस हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार क्रमश: 90 एवं 10 प्रतिशत के हिसाब से अनुदान दे रहे थे। मोदी की सरकार केन्द्र में आने के बाद  इसे उलट दिया गया है। राज्य सरकार 80 प्रतिशत दे रही है जबकि केन्द्र सरकार मात्र 20 प्रतिशत राशि दे रही है। वह 20 प्रतिशत राशि भी ठीक समय से नहीं मिल रही है। उन्होंने यह आरोप लगाने के साथ केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी शुरू कर दी।

उनके समर्थन में शासक दल के सदस्य समीर रंजन दास, अमर प्रसाद शतपथी, सुधीर सामल, प्रियदर्शी मिश्र, अतनु सव्यसाची नायक, पूर्ण चन्द्र सेठी, विजय महांती आदि सदस्यों ने अपनी सीट से खड़े होकर राज्य को मिलने वाले पत्र को दिखाकर हंगामा शुरू कर दिया। मोदी सरकार हाय हाय, दलित विरोधी नीति नहीं चलेगी, यदि चलेगी तो रास्ते पर लड़ाई होगी आदि नारे से सदन गुंजामान हो गय। शासक दल के इस रूख को देखने के बाद भाजपा एवं कांग्रेस के विधायक भी हमलावर हो गए। कांग्रेस सदस्य तारा प्रसाद वाहिनीपति, अंशुमान महांती, देवेन्द्र शर्मा, भुजबल माझी, प्रफुल्ल माझी आदि सदस्य सदन के मध्य भाग में आ गए और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। सरकार जवाब दो जैसे मांग व नारों के साथ सदन में हंगामा तेज हो गया। 

वहीं भाजपा विधायक प्रदीप पुरोहित, रवि नायक, गोविन्द दास आदि सदस्य भी अपनी सीट से खड़े होकर हो हल्ला करने लगे। शासक एवं विरोधी दल के सदस्यों के बीच हो हल्ला जारी रहने से विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को अपराह्न तीन बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया। सदन की कार्यवाही मुलतवी घोषित होने के बाद शासक दल के सदस्य विधानसभा परिसर में बनी गांधी जी की प्रतिमूर्ति के नीचे धरने पर बैठ गए और केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सदन की कार्यवाही बंद हो जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में विरोधी दल के नेता नरसिंह मिश्र ने कहा है कि ढेंकानाल जिला के बलरामपुर में बीयर फैक्ट्री निर्माण करने के लिए हजारों पेड़ों की कटाई को लेकर मुलतवी प्रस्ताव चर्चा करने के लिए कांग्रेस ने दिया था। 

इस पर चर्चा करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने अनुमति भी दी थी। ऐसे में सदन को अपराह्न तीन बजे तक मुलतवी करने के पीछे क्या उद्देश्य है। सरकार के चर्चा से डर कर इस तरह का निर्णय लेने की बात विरोधी दल के नेता ने कही है।

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