सरकारी विद्यालयों में कम हो रहे बच्चे

सरकारी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की संख्या 60 लाख 72 हजार 580 थी एवं निजी स्कूल में 5 लाख 49 हजार 161 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे।

By BabitaEdited By: Publish:Thu, 29 Mar 2018 02:49 PM (IST) Updated:Thu, 29 Mar 2018 04:33 PM (IST)
सरकारी विद्यालयों में कम हो रहे बच्चे
सरकारी विद्यालयों में कम हो रहे बच्चे

भुवनेश्वर, जेएनएन। प्राथमिक सरकारी स्कूलों से बच्चों एवं उनके अभिभावकों का लगातार मोह भंग होते एवं निजी स्कूलों के प्रति बढ़ता झुकाव प्राथमिक सरकारी विद्यालयों के भविष्य को लेकर बुद्धिजीवियों में आशंका प्रकट की जाने गी है। राज्य विद्यालय एवं जनशिक्षा विभाग से मिले तथ्य के मुताबिक 2009-10 में पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक कुल 66 लाख 21 हजार 741 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। इसमें से सरकारी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की संख्या 60 लाख 72 हजार 580 थी एवं निजी स्कूल में 5 लाख 49 हजार 161 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे।

निजी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों का प्रतिशत 8.29 फीसद था। वर्ष 2016-17 में कुल बच्चों की संख्या 61 लाख 98 हजार 25 थी। इसमें से सरकारी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की संख्या 51 लाख 58 हजार 905 तक पहुंच गई है। निजी स्कूलों में पढऩे वालें बच्चों की संख्या 5.49 लाख से दुगुना बढ़कर 10 लाख 39 हजार 120 तक पहुंच गई है। वर्तमान समय में सरकारी स्कूल की तुलना में निजी स्कूल में बच्चों की संख्या 16.77 प्रतिशत बढ़ी है। यदि पिछले 8 साल के रिकार्ड देखा जाए तो निजी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की संख्या 102.29 प्रतिशत बढ़ी है। इस तरह के सरकारी तथ्य निश्चित रूप से सरकारी स्कूलों के लिए खतरे का संकेत हैं।

यहां उल्लेखनीय है कि मुफ्त में भोजन, मुफ्त में कापी एवं ड्रेस आदि सरकारी स्कूलों में मिलने के बावजूद सरकार बच्चों को सरकारी स्कूलों की तरफ आकर्षित नहीं कर पा रही है। इसके लिए स्कूलों में शिक्षकों की कमी, बार-बार नीति नियम में बदलाव, स्कूल की आधारभूमि आदि को जिम्मेदार माना जा रहा है। खासकर मुफ्त में अनिवार्य शिक्षा कानून को भी शिक्षा अधिकारी ठीक से कार्यकारी नहीं कर पा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में इस तरह से बच्चों की कमी ओडिआ भाषा के वर्तमान एवं भविष्य के लिए भी खतरा का संकेत है। 

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