सोरंडा घटना पर भाजपा मुख्यमंत्री पर हमला

केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मुख्यमंत्री पर निशान साधते हुए अपने फेसबुक पेज में लिखा है कि 'क्या मुख्यमंत्री इस घटना को भी एक झूठा प्रचार बताएंगे।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Fri, 07 Jul 2017 12:40 PM (IST) Updated:Fri, 07 Jul 2017 12:40 PM (IST)
सोरंडा घटना पर भाजपा मुख्यमंत्री पर हमला
सोरंडा घटना पर भाजपा मुख्यमंत्री पर हमला

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के गृह जिला गंजाम के सोरड़ा स्वास्थ्य केंद्र में पांच जुलाई को हरिजन महिला की मौत के बाद शव वाहन (महापरायण गाड़ी ) न मिलने और मृतका के परिवार द्वारा शव को बांस में लटकाकर करीब चार किलोमीटर सोरिषपल्ली तकपैदल ले जाने की घटना की निंदा करते हुए

भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री पर सीधा हमला किया है।

केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मुख्यमंत्री पर निशान साधते हुए अपने फेसबुक पेज में लिखा है कि 'क्या मुख्यमंत्री इस घटना को भी एक झूठा प्रचार बताएंगे। मुख्यमंत्री के गृह जिला गंजाम के सोरड़ा अस्पताल से घंटों इंतजार करने के बाद मां के मृत शरीर को बेटे को कंधे पर लादकर शव को घर ले जाना पड़ा है। प्रधान ने सवाल किया है कि यह दाना माझी घटना की पुनरावृत्ति तो नहीं है। कहां गई महापरायण गाड़ी? इस घटना ने एक बार फिर अपंग सरकार की पोल खोलकर रख दी है।

वहीं केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने घटना र्की ंनदा करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री तीसरी मंजिल से उतरकर थोड़ा नीचे के लोगों से मिले तो बेहतर होगा। राज्य सरकार को इस तरह की घटना पर थोड़ा जागरूक हो। हमें इस पर कोई राजनीति नहीं करनी है। मुख्यमंत्री थोड़ा अपने अधिकारियों से इस पर चर्चा करें तो आम जनता के लिए बेहतर होगा।

हालांकि बीजद की तरफ से इस घटना पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। गौरतलब है कि गत बुधवार को गंजाम जिला के सोरड़ा ब्लॉक अन्तर्गत सोरिषपाल्ली गांव के भानुमति नाइक की तबीयत खराब होने पर उन्हें सोरड़ा स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया था। इलाज के दौरान अस्पताल में भानुमति की मौत हो गई। परिवार गरीब होने से वह शव वाहन की व्यवस्था नहीं कर पाया और परिवार को अस्पताल से एंबुलेंस या फिर महापरायण गाड़ी नहीं मिली।

इसके बाद मजबूर होकर परिजन शव को लुंगी में लपेट व बांस में लटकाकर सोरड़ा अस्पताल से करीब चार किमी दूर सोरिषपल्ली गांव ले गए। इस तरह पैदल शव ले जाने की घटना ने एक बार फिर दाना माझी घटना की यादा ताजा कर दी है।

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