Puri Rath Yatra 2021: पुरी जगन्नाथ रथयात्रा की तैयारी आरंभ, रथ निर्माण के लिए लकड़ी काटने का कार्य शुरू

Puri Rath Yatra 2021 विश्व प्रसिद्ध पुरी रथयात्रा की तैयारी रामनवमी के पवित्र दिन से आरंभ हो चुकी है। कटक नुआपड़ा में मौजूद वन उन्नयन निगम के सॉ मिल (आरा मशीन) में चतुर्रधा मूर्ति की रथ निर्माण के लिए लकड़ी काटने का कार्य शुरू हुआ है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 03:09 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 03:09 PM (IST)
Puri Rath Yatra 2021: पुरी जगन्नाथ रथयात्रा की तैयारी आरंभ, रथ निर्माण के लिए लकड़ी काटने का   कार्य शुरू
पुरी रथयात्रा के लिए रथ निर्माण के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है।

कटक, जागरण संवाददाता। विश्व प्रसिद्ध पुरी रथयात्रा के लिए बुधवार पवित्र रामनवमी के मौके पर रथ निर्माण के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। कटक नुआपड़ा में मौजूद वन उन्नयन निगम के खपुरिया करत कल यानी सॉ मिल (आरा मशीन) में चतुर्रधा मूर्ति की रथ निर्माण के लिए लकड़ी काटने का कार्य शुरू हुआ है। हर साल की भांति इस साल भी पुरी जगन्नाथ मंदिर से आज्ञामाल लाए जाने के बाद नयागड़ जिला दसपल्ला जंगल से लाए जाने वाली बड़ी-बड़ी लकड़ियों को पहले विधि अनुसार पूजा अर्चना की गई। महाप्रभु जी के नाम पर हरि बोल देते हुए संकीर्तन का आयोजित किया गया। 

पुरी से आए महाप्रभु जी के रथ काठ महाराणा लक्ष्मण महापात्र के द्वारा पूजा अर्चना की गई थी। इस मौके पर कटक के जिलाधीश भवानी शंकर चयनी, पुरी जगन्नाथ मंदिर नीति पूजा प्रशासक जितेंद्र कुमार साहू, वरिष्ठ प्रशासक सुदर्शन मेकाअप, भोई सरदार रवि भोई प्रमुख मौजूद थे। 

इस मौके पर खपूरिया सॉ मिल परिसर में एक विशेष आध्यात्मिक माहौल देखने को मिला। सॉ मिल के अधिकारी भागवत साहू, श्रीनाथ सुबुद्धि, शिवचरण बारिक, कर्मचारी चक्रधर नाथ, नरेश साहू बृज नाथ, सरोज मोहंती, फारेस्टर चंद्रशेखर पंडा, रेंज ऑफिसर दुर्गा चरण साहू प्रमुख मौजूद थे। हर साल की भांति इस साल भी रथ निर्माण के लिए करीब 10 हजार घन फिट की लकड़ी की जरूरत है। ऐसे में करीब 4 हजार घन फिट का लकड़ी लाया गया है। 

संपूर्ण रथ निर्माण के लिए 490 पीस लकड़ी की जरूरत होगी, ऐसे में पहले पड़ाव में 215 पीस लकड़ी लाया गया है। वहां पर मौजूद अधिकारियों का कहना है कि समय बीतने के साथ रथ निर्माण का कार्य आगे बढ़ेगा। बाकी की लकड़ी धीरे-धीरे लाया जाएगा। कोविड गाइडलाइन के तहत ही तमाम रथ काठ की चिराई का कार्य चलेगा। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, असन, फसी आदि लकड़ी को रथ निर्माण के लिए लाया गया है।

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