Odisha Train Tragedy: हादसे की जगह से आने लगी है तेज दुर्गन्‍ध, अभी भी बिखरे पड़े हैं शवों के छोटे-छोटे टुकड़े

Odisha Train Tragedy ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए भीषण ट्रेन हादसे में स्‍थानीय लोगों ने अपना सबकुछ दांव पर लगाकर पीड़ितों की मदद की लेकिन अब उनका जीना मुश्‍किल हो रहा है क्‍योंकि दुर्घटना वाली जगह से तेज बदबू आ रही है।

By Arijita SenEdited By: Publish:Wed, 07 Jun 2023 12:29 PM (IST) Updated:Wed, 07 Jun 2023 12:29 PM (IST)
Odisha Train Tragedy: हादसे की जगह से आने लगी है तेज दुर्गन्‍ध, अभी भी बिखरे पड़े हैं शवों के छोटे-छोटे टुकड़े
हादसे की जगह से आने लगी है तेज दुर्गन्‍ध।

HighLights

  • दुर्घटना स्‍थल के आसपास रहने वाले लोग घरों में दुर्गंध के मारे नहीं रह पा रहे हैं।
  • अभी भी लाइन पर शवों के छोटे-छोटे टुकड़े बिखरे पड़े हैं।
  • स्‍थानीय निवासियों ने जल्‍द सुधार नहीं होने पर हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।

संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। Odisha Train Tragedy: ओडिशा के बाहानगा रेल दुर्घटना स्थल के पास रहने वाले लोग गहरे सदमे में हैं। हादसे के जख्म अभी भरे भी नही हैं कि स्थानीय लोगों के लिए परेशानी की एक नई वजह बनती नजर आ रही है क्योंकि दुर्घटनास्थल से निकलने वाली असहनीय तेज दुर्गंध से उनका वहां रहना मुश्किल हो रहा है।

बारिश के बाद साइट से आने लगी है तेज बदबू

स्थानीय लोगों के मुताबिक, यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस के दो डिब्बे अब भी दुर्घटनास्थल पर उलटे पड़े हैं और उनसे निकलने वाली तेज दुर्गंध असहनीय है। स्थानीय लोगों ने कहा कि बहानगा बजार स्टेशन, जहां ट्रेन दुर्घटना हुई थी, वहां बारिश के बाद किनारे पड़े हुए कोचों से तेज व असहनीय बदबू आ रही है।

आसपास रहने वाले लोगों का खाना-पीना हुआ मुश्‍किल

स्थानीय लोगों ने सरकार और रेलवे अधिकारियों से जल्द से जल्द बोगियों को उठाने और हटाने का अनुरोध किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बदबू असहनीय है। उनके लिए अपने घर में रहना या खाना-पीना मुश्किल हो गया है।

साइट की नहीं हुई सफाई तो हड़ताल पर बैठेंगे स्‍थानीय

स्थानीय लोगों ने आगे धमकी दी है कि अगर दुर्घटनास्थल से दुर्गंध आती रही और प्रशासन कोई उपचारात्मक उपाय करने में विफल रहा, तो वे विरोध और हड़ताल का सहारा लेने के लिए मजबूर होंगे।

2 जून की वह मनहूस शाम

गौरतलब है कि 2 जून 2023 (शुक्रवार) की मनहूस शाम को तीन ट्रेनें भीषण हादसे का शिकार हो गई थीं।इस दुखद और अब तक के सबसे भीषण रेल हादसों में से एक में 275 लोग मारे गए और कम से कम 1000 अन्य घायल हो गए।

स्थानीय लोगों के अनुसार घटनास्थल के आस-पास और भी बुरी तरह से क्षत-विक्षत शव होने का अंदेशा जताया जा रहा है। कुछ प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार बहुत सारे शवों के छोटे-छोटे टुकड़े इधर-उधर बिखरे पड़े हैं जिन्हें हटाया नही गया है।

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