Odisha Politics: ओडिशा में पिता की विरासत संभालने 10 बेटियां चुनावी मैदान में, इन पार्टियों ने दिए सर्वाधिक टिकट

ओडिशा में इस बार लोकसभा व विधानसभा में 10 बेटियां अपने पिता की राजनीतिक विरासत पर दावा ठोंक मैदान में उतरी हैं। पिता की लोकप्रियता के आधार पर इन बेटियों को पार्टियों ने चुनाव मैदान में उतारा है। बीजद ने विधानसभा और लोकसभा में सर्वाधिक पांच ऐसी महिला उम्मीदवारों को प्रत्याशी बनाया है। कहा जाए तो हर राज्य में परिवारवाद हावी है।

By Jagran NewsEdited By: Sanjeev Kumar Publish:Sat, 27 Apr 2024 08:37 AM (IST) Updated:Sat, 27 Apr 2024 08:37 AM (IST)
Odisha Politics: ओडिशा में पिता की विरासत संभालने 10 बेटियां चुनावी मैदान में, इन पार्टियों ने दिए सर्वाधिक टिकट
ओडिशा में ये बेटियां संभालेंगी पिता की विरासत (जागरण)

 शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। Odisha Political News Hindi: ओडिशा में इस बार लोकसभा व विधानसभा में 10 बेटियां अपने पिता की राजनीतिक विरासत पर दावा ठोंक मैदान में उतरी हैं। पिता की लोकप्रियता के आधार पर इन बेटियों को पार्टियों ने चुनाव मैदान में उतारा है। बीजद ने विधानसभा और लोकसभा में सर्वाधिक पांच ऐसी महिला उम्मीदवारों को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने भी तीन और भाजपा ने दो ऐसी बेटियों को पिता का उत्तराधिकारी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है।

बरगढ़ जिले में स्थित आदिवासियों के लिए सुरक्षित पद्मपुर विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रह चुके स्व. विजय रंजन सिंह बरिहा की मृत्यु के बाद उनकी बेटी वर्षा सिंह बरिहा मैदान में हैं। बीजद ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है।

पूर्व सीएम और पूर्व मंत्री की पुत्रियों में मुकाबला

एक वर्ष पहले पूर्व मंत्री नब किशोर दास की हत्या के झारसुगुड़ा उपचुनाव में विधायक बनीं उनकी बेटी दीपाली दास को इस बार भी बीजद ने उम्मीदवार बनाया है। दीपिका के मुकाबले में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमानंद बिस्वाल की बेटी अमीता बिस्वाल को उतारा है।

राज परिवार की सुलक्षणा

बीजद ने धाराकोटे के दिवंगत दिग्गज नेता एएन सिंहदेव की 28 वर्षीय पुत्री सुलक्षणा गीतांजलि देवी को सनाखेमुंडी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। गीतांजलि धाराकोट शाही परिवार से चुनाव लड़ने वाली पांचवीं सदस्य हैं। उनके दादा एएन सिंहदेव सुरदा निर्वाचन क्षेत्र से 1967, 1971, 1977 और 1995 में चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। एएन सिंहदेव 1989 में अस्का के सांसद रह चुके हैं।

सुलक्षणा की दादी शांति देवी 1990 में इस सीट से चुने गए थे। उनकी मां नंदिनी देवी 2014 में सनाखेमुंडी सीट से जीती थीं। ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के गृह क्षेत्र की अस्का लोकसभा सीट पर बीजद ने तेज तर्रार युवा नेत्री रंजीता साहू को मैदान में उतारा है।

रंजीता के पिता हरप्रसाद साहू गंजाम जिले के वरिष्ठ बीजद नेता हैं। रंजीता के पिता और मां सुनीता प्रभा साहू कोडाला अधिसूचित क्षेत्र परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं, रंजीता के मुकाबले में अस्का सीट पर भाजपा ने पूर्व वित्त मंत्री तथा बीजद के संस्थापक सदस्य रामकृष्ण पटनायक की बेटी अनीता शुभदर्शिनी को मैदान में उतारा है। अनीता की मां कुमुदिनी पटनायक भी अस्का की सांसद रह चुकी हैं। अनीता को 2019 में भी भाजपा ने टिकट दिया था। हालांकि वह जीत नहीं सकी थीं।

किसी को पहले मिली जीत, कोई पहली बार मैदान में

अस्का के पूर्व सांसद नित्यानंद प्रधान की बेटी लतिका प्रधान को इस बार भी बीजद ने कविसूर्यनगर विधानसभा सीट पर उतारा है। पिछले चुनाव में भी लतिका यहां जीत हासिल कर चुकी हैं। उधर, भाजपा ने ब्रह्मगिरी से इस बार स्व.लालतेंदु विद्याधर महापात्र की बेटी उपासना महापात्र को भाजपा ने टिकट दिया है। कांग्रेस ने इस लोकसभा चुनाव में डाबूगांव से डा.लिपिका माझी को उम्मीदवार बनाया है।

लिपिका पूर्व विधायक भुजबल माझी की बेटी हैं। भुजबल माझी भी इस बार नवरंगपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। आली से पूर्व कांग्रेस विधायक देवेंद्र शर्मा की जगह उनकी बेटी डा.देवस्मिता शर्मा चुनाव लड़ रही हैं। 2019 में इस सीट से हार का सामना करने के बाद इस बार देवेंद्र शर्मा की इच्छा के अनुरूप उनकी बेटी को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।

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