एनसीपीसीआर की गाइडलाइन नहीं मान रही ओडिशा सरकार

राज्य सरकार राष्ट्रीय शिशु सुरक्षा अधिकार आयोग की गाइडलाइन नही मान रही है, एनसीपीसीआर के सदस्य यशवंत जैन ने इसे दुखद बताया है।

By BabitaEdited By: Publish:Sat, 15 Dec 2018 09:45 AM (IST) Updated:Sat, 15 Dec 2018 09:45 AM (IST)
एनसीपीसीआर की गाइडलाइन नहीं मान रही ओडिशा सरकार
एनसीपीसीआर की गाइडलाइन नहीं मान रही ओडिशा सरकार

भुवनेश्वर, जेएनएन। शिशुओं की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार गंभीर नहीं है। राज्य सरकार राष्ट्रीय शिशु सुरक्षा अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) की गाइडलाइन का अनुपालन नहीं कर रही है। विभिन्न छात्रावास में रहने वाले 1 से 18 वर्ष तक के बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर एक साल पहले दी गई गाइडलाइन को राज्य सरकार अनदेखी कर रही है। एनसीपीसीआर के सदस्य यशवंत जैन ने इसे दुखद बताया है।

गुरुवार को राज्य अतिथि गृह में शिशुओं की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा करने के बाद मीडिया से बातचीत में जैन ने कहा कि बच्चों पर हो रहे अत्याचार को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा जाएगा। ओडिशा में कितने गैरकानूनी शेल्टर होम चल रहे हैं, इसका हिसाब तक सरकार के पास नहीं है। ढेंकानाल जिला में चलने वाले गैरकानूनी शेल्टर होम में छात्रों का यौन शोषण होने की जानकारी भी सरकार के पास नहीं थी। एनसीपीसीआर की तरफ से जो गाइडलाइन जारी की गई है, उसका बिल्कुल भी पालन नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार की  अपनी भी कोई गाइडलाइन नहीं है।

शेल्टर होम में सीसीटीवी कैमरा लगाने के साथ कर्मचारियों को उत्तम प्रशिक्षण देने को गाइडलाइन में स्पष्ट निर्देश है। इसके साथ ही राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी नियमित अंतराल पर सभी छात्रावासों का निरीक्षण करने के साथ एनसीपीसीआर को रिपोर्ट देनी चाहिए। ओडिशा में इसका भी अनुपालन नहीं हो

रहा है। 

उन्होंने कहा कि एनसीपीसीआर की 9 टीम राज्य के 19 जिलों में मौजूद शेल्टर होम की जांच करेगी। हालांकि कौन सी टीम किस शेल्टर होम में जाएगी, इसे  गुप्त रखा जाएगा। ढेंकानाल शेल्टर होम के साथ गुड न्यूज इंडिया के राज्य में मौजूद अन्य शेल्टर होम की जांच होगी। उन्होंने कहा कि झारखंड एवं कोलकाता में भी उक्त संस्था के काम करने की बात पता चली है। उसकी भी जांच होगी। इस संस्था के पास पैसा कहां से आ रहा था, कितने दिनों से इस तरह का गैरकानूनी कार्य चल रहा था, धर्मांतरण  हो रहा था या नहीं, बाल अधिकार कानून के अनुसार बच्चों को सुविधा मिल रही थी या नहीं, यहां रहने वाले बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा किस प्रकार की है तमाम विषयों की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जांच टीम में राज्य शिशु सुरक्षा अधिकार के सदस्य भी शामिल रहेंगे। ढेंकानाल शेल्टर होम मामले में क्या कार्रवाई की गई है, इस संदर्भ में एनसीआरसी अध्यक्ष रिपोर्ट देंगे। जैन ने कहा कि एक साल पहले ही यहां मैंने शिशुओं की सुरक्षा को लेकर समीक्षा करने के साथ एनसीपीसीआर की गाइडलाइन को कार्यकारी करने की सलाह दी थी। साथ ही तीन बार वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए चर्चा की लेकिन पुलिस या राज्य प्रशासन

ने इस पर ध्यान नहीं दिया है।

जैन ने बताया कि इस संदर्भ में मुख्य सचिव को नोटिस भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि चर्चा के समय में राज्य सरकार ने राज्य में 217 पंजीकृत छात्रावास चलने की जानकारी दी थी, मगर गैरकानूनी ढंग से कितने छात्रावास चल रहे हैं, इसकी सूचना सरकार ने नहीं दिया था। प्रत्येक छात्रावास के लिए गाइडलाइन होनी चाहिए। गाइडलाइन न होने से कुछ संस्थाएं इसका फायदा उठाकर मनमाने ढंग से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि वह खुद कटक व ढेंकानाल जिला में मौजूद शेल्टर होम की जांच कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि ढेंकानाल जिला के बेलटिकिरी गांव में मौजूद गुड न्यूज इंडिया शेल्टर होम में छात्राओं के साथ यौन प्रताड़ना मामला सामने आने के बाद केंद्रीय महिला व शिशु विकास मंत्री मेनका गांधी ने राज्य में मौजूद सभी छात्रावासों की जांच करने के लिए एनसीपीसीआर को निर्देश दिया था। इसी के तहत गुरुवार से यह जांच प्रक्रिया शुरू हुई है, जांच रिपोर्ट टीम केंद्र सरकार को देगी। 

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