ओडिशा की जनता का नवीन पटनायक पर भरोसा कायम, सोमवार को लेंगे सीएम पद की शपथ

Naveen Patnaik. देश में मोदी सुनामी के बाद भी ओडिशा की जनता का नवीन पटनायक पर भरोसा कायम है। वह सोमवार को लगातार पांचवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Fri, 24 May 2019 04:58 PM (IST) Updated:Fri, 24 May 2019 06:24 PM (IST)
ओडिशा की जनता का नवीन पटनायक पर भरोसा कायम, सोमवार को लेंगे सीएम पद की शपथ
ओडिशा की जनता का नवीन पटनायक पर भरोसा कायम, सोमवार को लेंगे सीएम पद की शपथ

जासं, भुवनेश्वर। देश भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुनामी के बावजूद ओडिशा की जनता का नवीन पटनायक पर भरोसा कायम है। सोमवार को बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक लगातार पांचवीं बार ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, जो कि ओडिशा के लिए अपने आप में एक रिकार्ड है। 

इस बीच, ओडिशा के गवर्नर गणेशी लाल ने ओडिशा विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और उनकी मंत्रिपरिषद के इस्तीफे को स्वीकार करने के लिए एक नई मंत्रिपरिषद के गठन को स्वीकार किया है।

प्रदेश में एक साथ हुए लोकसभा व विधानसभा में चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की सुनामी पर बीजू जनता दल के सुप्रीमो नवीन पटनायक की लोकप्रियता भारी पड़ी है। यही कारण है कि लोकसभा की 21 सीटों में से बीजू जनता दल को 12 सीटें, भारतीय जनता पार्टी को आठ सीटें व कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिलने के बावजूद विधानसभा की 146 सीटों पर हुए चुनाव में बीजद ने एकतरफा जीत हासिल की है। चुनाव आयोग से मिले परिणाम के मुताबिक, बीजू जनता दल को विधानसभा में 112 सीटें, भाजपा को 23 व कांग्रेस नौ सीटें तथा अन्य के खाते में दो सीट गई हैं। 

नवीन के लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कभी राजनीति के धुरंधर में गिने जाने वाले बीजद के ही दो बड़े नेता बीजद छोड़ने के बाद भाजपा से इस बार चुनाव मैदान में थे। केन्द्रापड़ा लोकसभा से वरिष्ठ नेता बैजयंत पंडा व बालीकुदा एरसमा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले पूर्व मंत्री डॉ. दामोदर राउत दोनों लोगों को हार का सामना करना पड़ा है।

पुरी लोकसभा सीट से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा, कांग्रेस के अध्यक्ष निरंजन पटनायक, भाजपा विधायक दल के नेता कनक वर्द्धन सिंहदेव जैसे दिग्गज नेता भी चुनाव हार गए हैं। पूर्व मंत्री दामोदर राउत तो लड़ाई में ही नहीं रहे। वहीं, नवीन पटनायक ने कई नए चेहरे को को मौका देते हुए उनके लिए विधानसभा एवं लोकसभा के दरवाजे खोल दिए। चुनाव में मिली जीत का श्रेय नवीन पटनायक ने विशेष रूप से महिला मतदाता ​व अपने कार्यकर्ताओं को दिया। 

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