परी हत्याकांड : बंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट दाखिल करने हाई कोर्ट ने दिया निर्देश
ओडिशा के बहुचर्चित नयागड़ जिला परी हत्या घटना को लेकर हाई कोर्ट ने असंतोष जताया है।
जासं., कटक : ओडिशा के बहुचर्चित नयागड़ जिला परी हत्या घटना को लेकर हाई कोर्ट ने असंतोष जताया है। अभी तक आरोपित को क्यों गिरफ्तार नहीं किया गया है, यह सवाल करते हुए जांच कहां तक पहुंची है, इसकी स्टेटस रिपोर्ट अदालत में 24 दिसंबर से पहले बंद लिफाफे में दाखिल करने के लिए पुलिस को निर्देश जारी किया है। अगली सुनवाई 24 दिसंबर को होगी।
मामले की जांच को लेकर हाई कोर्ट ने पूरी तरह से असंतोष प्रकट किया है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश जस्टिस बीआर षाड़ंगी को लेकर गठित खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई चलते समय राज्य सरकार की ओर से जांच की स्टेटस रिपोर्ट बंद लिफाफे में दाखिल किया गया। इसके साथ ही इस मामले की जांच को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए और कुछ मोहलत सरकार की ओर से मांगी गई थी। लेकिन हाई कोर्ट के पूर्व निर्देशानुसार जांच की स्थिति को लेकर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल ना करने के लिए अदालत असंतोष जताया था। जुलाई महीने से घटना घटी है। तीन दिसंबर को एसआइटी को जांच जल्द से जल्द आगे बढ़ाने के साथ आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए निर्देश दिया गया था। इस बीच दो सप्ताह बीतने को है लेकिन आरोपितों को अभी तक क्यों गिरफ्तार नहीं किया है, यह सवाल करते हुए अदालत ने असंतोष जताया है।
दूसरी ओर इस मामले की सुनवाई के दौरान आवेदनकारी व वकील पद्मालय महापात्र ने अदालत में यह दर्शाया है कि इस संवेदनशील घटना की जांच करने वाली एसआइटी टीम के मुख्य एडीजी अरुण बोथरा का सीआरपीसी की धारा 36 के तहत पुलिस क्षमता नहीं है क्योंकि वह अब ओएसआरटीसी के अध्यक्ष के तौर पर कार्य कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें एसआइटी के मुख्य की जिम्मेदारी कैसे दी गई, यह सवाल उठाते हुए अदालत का ध्यान केंद्रित किया। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सुनवाई को 24 दिसंबर तक टाल दिया है।